अब क्या बताएं उनको, खूबियां हम में भी हैं कुछ, वो तो ज़िन्दगी का पहिया घूमा और हम फट् से भाग पड़े। ठहरेंगे कभी, तब बताएंगे, अभी तो फिलहाल काम पर जाना है।
सब अपनी अपनी, एक अनोखी कहानी लेकर चल रहे हैं। कहीं दर्द से मजबूर, तो कहीं यादें सुहानी लेकर चल रहे हैं। रिश्तों से बढ़कर क्या ही है दुनिया में, हम भी घर से दूर, उन रिश्तों की निशानी लेकर चल रहे हैं।