Ankur Sharma  
154 Followers · 12 Following

Joined 10 July 2017


Joined 10 July 2017
15 MAR 2018 AT 23:54

मन का मन से संवाद हूँ ,
व्यथा से जन्मा विवाद हूँ ,
बुद्धि की प्रखरता को हरलूं ,
कर दूँ प्रत्येक कपाट बंद
मैं हूँ कालजयी ........अंतर्द्वंद

-


13 MAR 2018 AT 0:49

आया हूँ ......
धार लगाकर..
अपनी कलम पर...
अब मैं भी ....
बकैती की रेस में...
दौडूंगा सरपट....
बन जाऊंगा....
तथाकथित .
बुद्धिजीवी.......

-


20 NOV 2017 AT 22:41

आइये देखते हैं कवि के जज़्बातों को
शर्मा जी के नज़रिये से😂😂😂

कैप्शन में पढ़ें ....

-


20 NOV 2017 AT 21:58

आओ बैठो मेरे पास में ,कुछ बात करते हैं।
अबकी आँखों से गुफ्तगू को साज़ करते हैं
तुम छेड़ना कोई राग अपनी मुस्कान से
झुकती आँखों से नए अंदाज़ लिखते हैं
यूँ क्या रखा है रोज़ रोज़ इश्क़ फरमाने मे
दूर बैठकर नोकझोक से शुरुआत करते हैं
यूँ तो बहुत सुकून मिलता है तेरे पास आने में
दूर होकर अबकी बेचैनियों को आज़ाद करते हैं।
आओ बैठो मेरे पास में ,कुछ बात करते हैं।

-


20 NOV 2017 AT 21:51

अल्फाज़ो की भी अपनी एक हद होती है आओ, खामोशियो को एक मुक्कमल पहचान देते हैं।।

-


16 NOV 2017 AT 17:02

मुलाकात,वस्ल, हिज़्र,मौत सब है मेरे सफ़र का हिस्सा
वो सफ़र ही क्या रहा जिसको मंजिलो की तलाश थी।

-


12 NOV 2017 AT 16:23

आओ बैठो मेरे पास में ,
कुछ बात करते हैं।।
अबकी आँखों से ,
गुफ्तगू को साज़ करते हैं।




-


6 NOV 2017 AT 22:02

कोई महसूस करे तो इक जज़्बात कहूँ,
इश्क़ समन्दर है महज़ अल्फ़ाज़ नही ।।

-


6 NOV 2017 AT 15:55

दूर खुद से हुए इतने की हर मंज़र बेगाना सा लगता है
पहचान का होकर भी ये शहर हर पल अंजाना सा लगता है
के कोई तो आकर थाम ले मेरे दरकते से विश्वास को
हर उसलूब खुद को सम्भालने का बचकाना सा लगता है।

-


3 NOV 2017 AT 0:00

तुम हर्फ़ को जलाकर कुछ यूँ रौशन करती हो फ़िज़ा
के मुझ जैसे जाहिल भी कलमकारी सी कर जाते हैं

-


Fetching Ankur Sharma Quotes