भीनी भीनी सी महक तुम्हारी आज भी आती हैजब बारिश की बूंदें धरा से टकराती हैं - Ankur
भीनी भीनी सी महक तुम्हारी आज भी आती हैजब बारिश की बूंदें धरा से टकराती हैं
- Ankur