ANKUR KRPASSI   (Ankur)
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Joined 17 September 2017


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Joined 17 September 2017
20 JUN 2019 AT 14:13

सुबह का वक़्त और एक कुल्हड़ में चाय
जैसे बारिश के पानी में कागज़ की नाव
ऐ ज़िन्दगी और कितना तेज़ भागेगी, ज़रा साँस तो लेने दे
एक कविता लिखी है, आ बैठ मेरे पास तुझे सुनाऊँ

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5 JUN 2019 AT 9:40

Farewell......
(Read the caption)

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6 MAR 2019 AT 14:04

इतने शोर में भला अपनी खामोशी सुनाऊँ कैसे
दूर है मंज़िल, भला ये सफ़र को बतलाऊँ कैसे
कुछ हसीन पल बिताएँ थे उनके संग, वो वक़्त
लौटने वाले नहीं,भला दिल को ये समझाऊँ कैसे

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3 MAR 2019 AT 0:53

बस्तों ने कन्धा छोड़ा
मंजिलों ने रास्ता मोड़ा

हाथों की लकीरों ने मुकद्दर को छला
काम हो जाने पर सबने अपना रास्ता बदला

कुछ दूर साथ तो चली फिर न जाने ये जुगनू कहाँ सो गई
हे ज़िन्दगी, इस सफर में न जाने तू कहाँ खो गई

चुन चुन के कुछ तारें फलक पे लगाएँ थे वे टूट गएँ
इस अनजाने से सफ़र में कुछ दोस्त छूट गएँ

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28 FEB 2019 AT 1:12

( 👇👇 Read the caption 👇👇 )

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27 FEB 2019 AT 17:48

बातें सारी खोखली हैं तुम्हारी
बहुत हुआ कहा था न अब बारी है हमारी

पाल रखें हैं तुमने आतंकी ये सब जानते हैं
आखिर लातो के भूत बातों से कहाँ मानते हैं

शिक्षा भुखमरी गरीबी न जाने कितनी समस्याएँ हैं
दहशतगर्दी फैला रहे हो भला ये तुम्हारा कैसा उपाय है

इक्कीस मिनट में तीनसौ को मार गिराया
ज़रा सब्र रखो बाकियों का भी होगा सफाया

कर्जे में डूबा तुम्हारा देश है लड़ने को ना हतियार
खौफ़ में हो तुम और बोल रहे हो जंग के लिए हो तैयार

बाते सारी खोखली हैं तुम्हारी
त्यार रहना अब बारी है हमारी

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14 FEB 2019 AT 21:41

फिर से ब्लास्ट फिर से मौतें अब क्या करोगे चलो छोरो

इलेक्शन आ रहें हैं एक दूसरे पे इल्ज़ाम लगाओ और आगे बढ़ो

मरने और मारने वालों का क्या उन्हें तो आदत है

मुआवज़े का ऐलान और कड़ी निंदा तुम बस यही करो

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12 FEB 2019 AT 7:49

लहरें साहिल से मिलने को मचलती है
धूप आहिस्ता आहिस्ता ढलती है
कुछ यूँ शाम उतरती है दिल में
दिन भर की थकान एक ज़ाम में मिलती है

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10 FEB 2019 AT 23:07

रोज़ रात को वो चाँद तारों को अपने खिड़की पे बुलाती है
हिज्र के किस्से वो अब किसी और को सुनाती है
जानते हो मैं थोड़ी सी पागल हूँ अक्सर बातें भूल जाती हूँ
सुना है अब ये सारी बातें वो किसी और को बताती है

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23 JAN 2019 AT 23:34

एक शोर था

पल भर न चला

एक खामोशी थी

बरसो गूँजी

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