19 JUL 2018 AT 23:04

अपनी दादी नानी से उसने सुना था कि उपवास से भगवान खुश होते है और तुम्हारी मनमुताबिक चीज तुम्हे मिल जाती हैं। एक 8-9 साल के बच्चे को ये बात बड़ी लुभावनी लगी। फिर तो भगवान मुझे भी पक्का ढेर सारे चॉकलेट्स देंगे, ऐसा सोचते हुए उसने व्रत करने की ठानी और मां के साथ मंदिर जाने की तैयारी कर ली।
उपवास जैसे उपाय से वो काफी खुश था लेकिन मंदिर की सीढ़ियां चढ़ते-2 उसके पैर ठिठक गए। वहां बहुत सारे बच्चे थे जिनके चेहरे से साफ झलक रहा था कि वो बहुत दिनों से भूखे है। उसके नन्हे दिमाग में कुछ उमड़ा और बड़ी ही मासूमियत से उसने मां से पूछा "इन्होंने भी तो कब से व्रत रखा हुआ है, भगवान इनकी इच्छा कब पूरी करेगा मां"?
मां के पास उसके इस सवाल का कोई जवाब नहीं था।।।

- अंkita