ये बिखरी हुई चीज़े मूझे तुम्हारी याद दिलाती हैचीज़ों को तो समेट लिया हैखुद को कैसे समेटूँ? - ©Ankita
ये बिखरी हुई चीज़े मूझे तुम्हारी याद दिलाती हैचीज़ों को तो समेट लिया हैखुद को कैसे समेटूँ?
- ©Ankita