Ankita Jatav   (MsAnkita)
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Joined 8 January 2018


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9 JAN 2022 AT 16:59

कल रात मेरे ख्वाबों में तेरी मौजूदगी अच्छी लगी
मेरे सिरहाने तले तेरी आहट अच्छी लगी,
सोचा अब कभी तुझे आवाज़ नहीं दूंगी
पर तेरा जाकर इस क़दर वापस आने की अदा अच्छी लगी।

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24 JUN 2021 AT 15:05

मुस्कुराते चेहरो के पीछे कई ग़म छुपे होते हैं,
फिर भी आँखों से आँसुओं की बरसात नहीं होती। जानेवाले तो चले जाते है पर कैसे बताये उनको
कि टूटे दिल से कभी आवाज नहीं होती!!

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24 JUN 2021 AT 14:59

जज़्बात ख़ामोशियों की हदें
तोड़ कर... आगे बढ़े!
जिनके थे, वो बैठे रहे...
जिनके न थे बस वो उड़े!!

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22 JUN 2021 AT 18:44

तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई है।
बिना बात हसाती है, रुलाती है।
बड़े -बड़े ख्वाब दिखलाती है।
क्योंकि, तन्हाई में भी है बहुत सी अच्छाई है।
अपने आप से मिलवाती है।
ज़िंदगी जीने का तरीका सिखलाती है।
आपनो की याद दिलाती है।
बातें जो दफ़न हो गई हैं..
यादों की कब्र में उस से मिलवाती है।
क्योंकि, तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई है।
ख्यालों के मजधार में डुबाती है।
खुद पर भरोसा करना सिखलाती है।
क्योकि तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई है।

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15 JUN 2021 AT 13:28

Dil ki char diwaari m qaid
karne ki sochi thi maine,
Par jazbaat toh hawaa se nikle.❤

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12 JUN 2021 AT 23:45

मैं प्यार लिखती थी,
तुम्हारा नाम लिख जाता था।
मैं हँसी लिखती थी ,
तुम्हारा साथ लिख जाता था।
मैं चैन समझती थी,
तुम्हारा गले लगाना हो जाता था।
मैं सुकून समझती थी,
तुम्हारा मुस्कुराना हो जाता था।
मैं बहक जाया करती थी,
पर वो तुम्हारे नशे में डूब जाना होता था।
मैं बिखर जाया करती थी,
पर वो तुम्हारी झलक न मिल पाना होता था।
मैं लिखती हूँ, मैं लिखती हूँ,
दर-अ-सल तुमसे कहने से डरती हूँ।
कि अब...
मैं आँसू से लिखती हूँ,
तुम्हारा नाम लिख जाता है।
मैं बेपरवाह लिखती हूँ,
तुम्हारा चेहरा बन जाता है!!

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12 JUN 2021 AT 1:59

जानती हूँ हर वक्त साथ नहीं रह पाएंगे,
या फिर कभी साथ नहीं रह पाएंगे...
लेकिन मैं फिर ये सोचने लग जाती हूँ कि,
जितने भी वक्त साथ रहें कमाल के रहें!!

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12 JUN 2021 AT 0:14

कभी-कभी किसी शहर के बारे में
हम सिर्फ इतना ही जानते रहते हैं,
कि वहाँ वह शख्स रह रहा होता है
जिससे हम प्रेम करते हैं!!

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11 JUN 2021 AT 10:50

वजह बहुत ढूँढता है इंसान,
जीने की वजह,
हँसने की वजह,
रोने की वजह,
चाहने की वजह,
भुलाने की वजह,
जैसे ज़िन्दगी जी नहीं!
चुका रहा हो वजह!!

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10 JUN 2021 AT 18:36

तन्हा-तन्हा रहने में बहुत सी अच्छाई है।
बिना बात हँसाती है, रुलाती है।
बड़े-बड़े ख्वाब दिखाती है।
क्योंकि, तन्हा-तन्हा रहने में भी है
बहुत सी अच्छाई है।
अपने आप से मिलवाती है।
ज़िंदगी जीने का तरीका सिखाती है।
आपनो की याद दिलाती है।
बातें जो दफ़न हो गई हैं।
उन यादों सेे मिलवाती है।
ख्यालों के मजधार में डुबाती है।
खुद पर भरोसा करना सिखाती है।
क्योंकि तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई है!!

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