Ankit Yadav   (Ankit)
54 Followers · 26 Following

read more
Joined 5 April 2018


read more
Joined 5 April 2018
20 MAR AT 1:16

में खाली हाथ लौटकर नहीं जाऊंगा
तुम्हारी यादों का इक अंश ले जाऊंगा
जाते जाते थोड़ा तो ज़रूर रुलाऊंगा
ये रिश्तों के धागों में झूल जाऊंगा
तुम्हारी कुछ हसी लूट जाऊंगा
पर मैं खाली हाथ नहीं जाऊंगा।

-


24 DEC 2023 AT 23:33

तुम इक बार फिर से मिलना
शिकवे और शिकायतों की अदालत करेंगे,
वक्त की कैद से आज़ाद हो कर मिलना
साथ बैठ कर तारे गिनेंगे,
तू मुझसे, मेरा होने के लिए मिलना
हम फिर साथ रहने के वादे करेंगे
इक मुलाकात के बाद फिर मत मिलना
इस बार हम खुद तूझे खो देंगे।

-


6 AUG 2023 AT 4:33

ज़माने गुज़र गए जिन रास्तों में मुड़े
वहां से यूं गुजरने का मतलब तो नहीं थी।
गुलाब कब के सूख चुके हैं पन्नों में फसे
वो नज़्म फिर से पढ़ने का मतलब तो नहीं था।
और कह दिया दुनियां को वो अब याद तक नहीं।
नहीं, मेरे कहने जा वो मतलब नहीं था।

-


22 NOV 2022 AT 16:50

में शायर होता तो तेरी तारीफें लिखता,
तेरी पलकों के नीचे छिपे सागर को लिखता,
बेफिक्र तेरी मुस्कान के बारे ने लिखता,
तेरे मोती से महंगे अश्कों को लिखता,
रूठ जाती तो तुझे मानने को लिखता,
मान जाती तो तेरी नादानियां लिखता,
पर तुझे बयां कर सके ऐसा क्या ही लिखता,
फिर भी अगर में शायर होता तो तेरी तारीफें लिखता।

-


2 NOV 2022 AT 11:23

बेदर्दी , बेवफाई या कत् - ए - आम ही सही
हर ज़ुल्म की तुझको माफी हैं
आंखों में कुछ मदहोशी तू,
मेखाने का साकी हे
असले, बंदूकें, ज़हर एक तरफ
तू मुस्कुरा कर देख ले तो जान
निकल जाती है

-


1 NOV 2022 AT 16:16

चांदनी न मिले तो मुझे दाग़ भी चलेगा,
तेरी बाहों में गुज़रे तो दर्द ए हयात भी चलेगा
और जो मुड़ गया मेरी राहों से तू
मेरा जनाज़ा तेरे साथ चलेगा।

-


11 SEP 2022 AT 18:58

तुम ना जाने क्यों इतवार सी लगती हो,
हर वक्त इंतजार में रहता हूं तुम्हारे और तुम आते ही जाने की बातें करती हो।
हर शक्स से पहले रखता हूं तुमको ,
पर हर बार आखिर में आके मिलती हो।
तुम मुझे इतवार सी लगती हो।
हर चीज़ कमाल है तुम्हारी ,
बस जाते जाते अपनी यादों का,
ये सोमवार क्यों छोड़ जाती हो!

-


23 JUL 2022 AT 22:21

तेरा मुझे देख कर मूंह फेर लेना ठीक नही
महफिल में मेरे नाम से तौबा करना ठीक नहीं
अपनी मुठ्ठी में रखना आशिकों की धड़कने
ये चाल चलन तेरा ठीक नही

-


23 JUL 2022 AT 22:05

अगर इक तरफा इश्क की चाहत होती तो ठीक था
अगर इज़हार हुआ ही न होता तो ठीक था
इज़हार और इंकार के बीच का ये सफर,
शुरू ही न होता तो ठीक था

-


23 MAY 2022 AT 0:11


तुम मेरी छोड़ो, आगे चले जाओ
मुझे लड़खड़ाने की आदत है पर मैं गिरूंगा नहीं

-


Fetching Ankit Yadav Quotes