हर बार यही भूल करता हूं
सब बीत जाने पर कबूल करता हूं।
और तुम पूछते हो मुझसे मेरी जिंदगी का सार,
और तुम पूछते हो मुझसे मेरी जिंदगी का सार,
मैं दिखा के सब को राह,
खुद दूसरी ओर चलता हूं।
हर बार यही भूल करता हूं।-
नभः स्पर्शमः दीप्तमः
FaujiBrat💪||ExKvian😎||Introvert🙊
F.R.I.... read more
निराशाओं से नाता पुराना है हमारा
खुद को ही खुद से दगा करते देखा है हमने-
ये झूठी फ़िक्र करना छोड़ दो,
ग़र नही है मोहोबत्त, तो ज़िक्र करना छोड़ दो,
तक़लीफ़ होती है तूम्हारे, हर एक झूठे वायदे से,
अगर मनाना नही आता तो, यू तड़पाना भी छोड़ दो।।-
आज कल मेरा रोना उससे देखा नहीं जाता,
वो रखती है जेब में रुमाल भर के,
वो जो कल मुझे शरेआम छोड़ कर गई थी,
आज लौटी है कुछ नए बदलाव कर के।-
Everything is falling back into place...
But it doesn't feels right..-
अपना ग़ुरूर बचाने के लिए,
तू उसकी इज़्ज़त उतारता रहा,
कमाल किया तूने भी अंकित,
तू सारी सीमाओं को लंगता रहा।।-
तुम एयर स्ट्राइक पे दुनिया का हो शक प्रिये,
मैं उसी शक पे मोदी जी का भक्त प्रिये,
तुम लिबरल घर की बिटियाँ हो,
मैं हाइपर नेशनलिस्ट प्रिये।।
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कुछ नई सी खुशबू है आज देश की हवाओं मे,
सुना है कल जंगल मे शरे लौट के आ रहा है।।-