27 MAY 2017 AT 19:18

रस्ते तो ना हैं देखे कभी,

इतना सा ही है अब दिल को पता,

चल दिए हैं जो, तो मुसाफ़िर हैं हम,

इन कदमों ने दिया..मंज़िल को बता।

- आभास