रस्ते तो ना हैं देखे कभी,इतना सा ही है अब दिल को पता,चल दिए हैं जो, तो मुसाफ़िर हैं हम,इन कदमों ने दिया..मंज़िल को बता। - आभास
रस्ते तो ना हैं देखे कभी,इतना सा ही है अब दिल को पता,चल दिए हैं जो, तो मुसाफ़िर हैं हम,इन कदमों ने दिया..मंज़िल को बता।
- आभास