क्या कैद करु, इन हवाओं को ।ये हवाएँ भी तो, बेवफा है तेरी तरह ।जो मौसम की तरह अपना रूख बदलती है ।। - #@nk!t
क्या कैद करु, इन हवाओं को ।ये हवाएँ भी तो, बेवफा है तेरी तरह ।जो मौसम की तरह अपना रूख बदलती है ।।
- #@nk!t