Ankit kumar   (#@nk!t)
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Joined 16 February 2018


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16 APR 2023 AT 20:49

मुख्तसर अपनी अदा से,
यूं बेआबरू अब ना कीजिए |

होठों के ये जाम,आंखों से ना पिजिएं ||

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5 JAN 2023 AT 0:01

इबादतें अदब सी, मुकम्मल मासुमियत समेटे फिरते हैं |

इबादतें अदब सी, मुकम्मल मासुमियत समेटे फिरते हैं |


झुकी पलकों में वो, खुली ज़ुल्फो में वो, वही अहसास लिए फिरते हैं ||

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24 DEC 2022 AT 0:46

हवाओं को थाम लो जरा,
दिए कि आस अभी बाकी है ।
फड़फड़ाए से है लेकिन,
एकं सांस अभी बाकी है ।
चंद्रमा की शीतलता सी छाई,
रात की मिठास अभी बाकी है ।

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24 JAN 2022 AT 2:32

उमरे गुजर जाती है यहां, चंद लम्हों की यादं बनाने में ।

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3 NOV 2021 AT 2:16

हां जिन्हें महफूज़ किया जाना था
बस उन्हें ही मशहूर किया गया है....

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5 SEP 2021 AT 21:32

हर शाम छत पर आते हो,
हाथ में चाय का प्याला लिए,
नज़रे मेरी ओर झुकाते हो,
मैं आदाब से नवाज़ा जब करती हूं,
तोह नमस्कार मे हाथ ऊपर उठाते हो,
फिर जो बनि हमें अलग करती है,
उसपर वह प्याला रख,
हमारी ओर सिस्काते हो,
एक घूंट मेरा लेने पर,
यूं मुस्कुराते हो,
चाय खत्म होने तक
मेरे चहरे को देखते रहते हो,
"नमाज़ का वक़्त हो रहा है",
यह कहकर जब में चली जाती हूं,
तोह प्याले पर लगे लिपस्टिक के निशान को,
क्यों निहारते रहते हो?
यूं बेवजह तोह तुम छत पर नही आते हो,
यूं बेवजह तोह तुम छत पर नहीं आते हो....

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5 SEP 2021 AT 21:11

" कुछ पाने की उम्मीद जब दिल से मिट जाती है "

दिलो के बंधन से, यु आजाद हो चले हम !
क्या पता आबाद या, बरबाद हो चले हम !!
सुकून की तलाश थी, या न पाने का गम !
अपनी ही भावनाओं मे, गुम थे कहीं हम !!

ना मंजिलो की तलाश हैं, ना रास्ते की परवाह !
ना डगर की फिक्र हैं, ना कहीं पहुंचे का जज्बा !!
ना उदास है जिनदगी, ना खुशी की है अब आस !
ना पता क्या दिल से दूर है, क्या दिल के पास !!

बेवजह सी ये दिन और, राते गुजर जाती है !
कुछ पाने की उम्मीद, जब दिल से मिट जाती है !!

हां कुछ पाने की उम्मीद जब दिल से मिट जाती हैं !!

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29 APR 2021 AT 23:42

तू और वक्त ले, तू और दर्द भर ।
बेबाक तेरी मोहब्बत, तू फ़क्र इसपे कर ।।

तू भुल जा वो लम्हे, बाहों के थे जिसमें घेरे ।
तू भुल जा वो वादे, वो झूठी रात थी ।
वो सिलवटें बिस्तर पर, वो बदहवास सी ।।

ये दर्द तेरे दिल का, है पाक आज भी ।
ना बूझ पाएं ये कहीं, इक मर्म आह पर ।।

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8 APR 2021 AT 13:48

यूंही कभी कहीं कोई अच्छा सा लग जाता है,
दिल को ।
फ़लसफ़ा ये है कि,
बस मोहब्बत ना समझ बैठे इसे ।।

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20 JUL 2020 AT 14:48

वो नजरें फेर कर भी, नजरों से वार करते हैं |
उनके आंखो में डूबे बैठे हैं हम,
और वो हमसे पूछते हैं, क्या हम उन्हें प्यार करते हैं ??

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