डल झील में शिकारे पर बैठ देखा चार चिनार, निशात बाग से डल झील पर सूरज का विस्तार, ना जाने कब ये फिज़ा सुलग के बारूदी हो गई - ©अंजुमन
डल झील में शिकारे पर बैठ देखा चार चिनार, निशात बाग से डल झील पर सूरज का विस्तार, ना जाने कब ये फिज़ा सुलग के बारूदी हो गई
- ©अंजुमन