शिक्षित बनाया गया है तुम्हें भी और हमें भी
ताकि हम मन की अनुभूति को पढ़ सकें
ना की किसी की संवेदना के साथ खेल सकें|
योग्य हो अगर तुम तो योग्य हूँ मैं भी
इसलिए चुना गया है हम दोनों का साथ
ताकि अंतर्मन का मेल हो सकें|
तो फिर क्यों तोल रहे हो पैसे के भाव से खुद को
क्या तुम्हारा कोई खुद-आदर नहीं |
कोई देने को राजी है अपने दिल के टुकड़े को
समझ लेना इससे बड़ा कोई दान नहीं|-
वक्त कुछ खास साथ नहीं दे रहा
हर रोज एक आश्चर्य से भरा उपहार मिल रहा
जज्बातों की धज्जियां तो
इस कदर उड़ाई जा रही
कि अब शब्दों में बयां करना भी
नामुमकिन सा लग रहा
लोग तो बहुत मिल रहे
इस सफर-ए-जिंदगी में,
कोई दिलों के साथ,
खेलने के हुनर सिखा रहा
तो कोई ...
खिलौना समझ कर ही खेल रहा
हर वक़्त अंदाजा लगाना भी सही नहीं
कहानी अब तक मैंने कहीं नहीं
जब अच्छा वक्त होगा
तब आजमाएंगे सभी
यह जमाना ही ऐसा है
गलती इनकी भी नहीं-
आप मयखाने की की क्या बात करते हो,
लोग तो बिन पिए नशे में रहने को तैयार है
आप सुकून की क्या बात करते हो ,
लोग तो यहाँ खुद सुकून बेचने को तैयार है
आप आग की क्या बात करते हो,
लोग तो यहाँ बिन केरोसिन के भी जलने को तैयार हैं
आप रोशनी की क्या बात करते हो,
लोग तो यहाँ सारी उम्र अंधकार में बिताने के लिए तैयार है
आप समुंदर की क्या बात करते हो ,
समुंदर से गहरा क्या ही होगा
पर लोग तो यहाँ
आंखों में डूबने को तैयार है|-
इस कदर परेशान करेंगी नजरें उसकी
यह कभी सोचा ना था
जिसके सामने खुलके ठहाके मारकर हंसती थी
उसके सामने झिझकना पड़ेगा
यह कभी सोचा ना था
अंदर ही अंदर घुट रही थी
उसके बावजूद भी मुस्कुराना पड़ेगा
यह कभी सोचा ना था
इतनी तेजी से किसी की तरजीह बदलती है
यह कभी जाना ना था
हैंरान थी मैं ,उसकी तब्दीली को देखकर
फासले कभी ऐसे भी होंगे यह सोचा ना था
कि सामने बैठा था वह मेरे
पर वह मेरा ना था|-
तुम्हारी जुल्फें मेरी गालों को सहला रही है
और हम उस पर हाथ भी ना फेरें
मुंह फेर के मुस्कुरा रही हो धीमे-धीमे
और हम उस नजा़कत से रूबरू भी ना करें
तुम्हारी हर एक चाल की झंकार मदहोश कर रही है
और हम अपने जज्बातों को काबू में रखें
तुम्हारे होंठ मेरे होंठों के इतने करीब आ चुके है
और हम उसे महसूस भी ना करें
तुम मेरी बाहों में हो कर कह रही हो
की हम हद में रहें
मोहब्बत में कोई इतना भी शरीफ नहीं होता...-
अगर कोशिश करते
तो संभल जाती
पर कहते हैं ना
तकदीर का लिखा
कोई नहीं बदल सकता
और तकदीर में तनहाई ही लिखी थी...-
वैसे तो मौसम बहुत ही सुहाना है
पर बारिश में भीगने का मजा तो तब है
जब साथ आप हो
अकेले भीगने से तो ...
बस तबीयत ही खराब होती है|-
यह कहना सरासर गलत होगा कि
हर लड़की सिर्फ दौलत के पीछे भागती है
मैंने किसी को देखा है
एक लड़के पर सब कुछ न्योछावर करते हुए
यह कहना सरासर गलत होगा कि
हर लड़की का इश्क दिखावा है
मैंने किसी को देखा है
एक लड़के के लिए गिड़गिड़ाते हुए
खुद की परवाह किए बिना उसे बेपनाह चाहती है
वह हर मन्नत हर दुआ में उसकी सलामती मांगती है
फिर यह कहना सरासर गलत होगा कि
हर लड़की धोखेबाज होती है
मैंने किसी को देखा है
एक लड़के लिए रात रात भर रोते हुए |-
तेरी,
मुझे...
जाने क्यों हर लम्हा सताती है मुझे
एक-एक पल जूझती हूं मैं
उन खुशनुमा पलों के बारे में सोच कर
बैठे-बैठे आंसू आ जाते हैं इन नयनों पर
तुझे जाना था मुझसे दूर
तू तो चला गया
अपने संग यह यादें क्यों नहीं ले गया?
वैसे तो मैं जानती हूं
सब खेल है खुद से सौदा करने का
लेकिन फिर भी हर लम्हा तड़पाती है मुझे
क्यों यादें तेरी इतना तंग करती है मुझे-
इस बात का मलाल तुम्हें तब होगा
जब तुम्हें किसी और से दोबारा प्यार होगा...-