हर तरफ हरियाली सिमट रही हैं,
इंसान आगे बढ़ रहा हैं और हरियाली घट रही है।
हिमालय का हिम पिघल रहा है,
समझ सको तो समझो ये क्या प्रलय कह रहा हैं।
समय हैं अभी भी संभल जाओ,
ये धरती अभी भी बच सकती हैं,
तुम कदम तो उठाओ,
जितना हो सक पेड़ लगाओ,
प्लास्टिक को अपने जीवन से दूर भगाओ,
हो सके तो अपने चार पहिये को आराम दो,
और छोटी दूरी पैदल ही तय कर क आओ,
इन छोटे छोटे कदमों से भी धरती संभल सकती हैं,
हरियाली हमारी आने वाली नस्ल को भी मिल सकती हैं,
तुम बस संकल्प करो और कदम उठाओ,
समय हैं अभी भी हो सके तो धरती बचाओ।
Inkling_thoughts
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