ANJALI SHARMA  
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My insta id @ inkling_thought
Joined 2 April 2018


My insta id @ inkling_thought
Joined 2 April 2018
29 JAN 2022 AT 19:08

Biggest myth

Perfectly detangle curly hair

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27 APR 2021 AT 23:16

वो रोज़ आ जाता हैं, झरोखे से झांकने, कुछ हाल अपना कहने, कुछ हाल मेरा भापने।

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3 DEC 2020 AT 22:45

I know a man,
Who is quite handsome and talented insane,
He dives in oceans and rides on waves,
He faces plethora of problems with his smile,
Behaves like the mature one while he is still Juvenile,
Busy in exploring oceans on his Submarine,
Enough to turn all eyes in his Naval Uniform, he doesn't need to get preen,
He serves his mother land with his team, but
Ocean is the place where he mostly stays
Here I AM wishing my little soldier
A wonderful happy Navy day.

TO ALL THE EMPEROR OF THE SEA

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20 OCT 2020 AT 13:07

having some quite talk with my soul,
Writing diary continuously without any call,
Dancing on my playlist, breaking the dance floor.

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28 JUL 2020 AT 9:22

कोरोना कोरोना सब करे, Social distancing करे ना कोय,
जो करे social distancing तो कोरोना काहे को होए।
Inking_thoughts

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6 JUL 2020 AT 6:35

ये कौन है जो तानसेन बन कर आया हैं,
जिसने फिर से वो मलहार गाया हैं,
की पानी से भरा पूरईसरार देखो,
धरती को भिगोने फिर से आया हैं।

Inkling_thoughts

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5 JUL 2020 AT 10:33

सुबह सिंदूरी और शाम गुलाबी सी रहती हैं,
सोचा हैं कभी की ये प्रकृति किस के लिये सजती हैं।

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2 JUL 2020 AT 8:48

कोई हवा चलें कि दरगाह की कुछ चादरें उड़ कर ,
ठंड में कापते और धूप मे जलते वदन को ढक आए,
कोई करामात् हो कि मंदिरों से कुछ प्रसाद भूखों की थाली में सज जाए,
कोई करिश्मा हो की चर्च के कुछ मोमबत्ति किसी बुढी दादी की अंधेरी कुटिया में जल जाए,
कुछ तो ऐसा हो, की चढ़ावा चढ़े उस उपर वाले को,
और कमी सारी उन जरूरतमंदो की कम जाये।

Inkling_thoughts

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20 JUN 2020 AT 23:23

मुसलसल से मसले जिंदगी के,
मुसलसल से कुछ मलाल,
मुसलसल सी एक ही ख्वाहिश,
की खुदा पूछे मेरा हाल।

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5 JUN 2020 AT 8:26

हर तरफ हरियाली सिमट रही हैं,
इंसान आगे बढ़ रहा हैं और हरियाली घट रही है।
हिमालय का हिम पिघल रहा है,
समझ सको तो समझो ये क्या प्रलय कह रहा हैं।
समय हैं अभी भी संभल जाओ,
ये धरती अभी भी बच सकती हैं,
तुम कदम तो उठाओ,
जितना हो सक पेड़ लगाओ,
प्लास्टिक को अपने जीवन से दूर भगाओ,
हो सके तो अपने चार पहिये को आराम दो,
और छोटी दूरी पैदल ही तय कर क आओ,
इन छोटे छोटे कदमों से भी धरती संभल सकती हैं,
हरियाली हमारी आने वाली नस्ल को भी मिल सकती हैं,
तुम बस संकल्प करो और कदम उठाओ,
समय हैं अभी भी हो सके तो धरती बचाओ।
Inkling_thoughts

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