मुझे भी ईद के बाजार से हरी चूड़ियाँ लेनी हैहाय ! काश हमारे मुल्क अलग न होते । ऐसा नही है कि यहाँ ईद का बाजार नही सजतापर अगर सरहदे न होती तो रौनक कुछ और ही होती । - मीरा
मुझे भी ईद के बाजार से हरी चूड़ियाँ लेनी हैहाय ! काश हमारे मुल्क अलग न होते । ऐसा नही है कि यहाँ ईद का बाजार नही सजतापर अगर सरहदे न होती तो रौनक कुछ और ही होती ।
- मीरा