6 OCT 2017 AT 14:55

मुझे भी ईद के बाजार से हरी चूड़ियाँ लेनी है
हाय ! काश हमारे मुल्क अलग न होते ।

ऐसा नही है कि यहाँ ईद का बाजार नही सजता
पर अगर सरहदे न होती तो रौनक कुछ और ही होती ।

- मीरा