चले जो हम तो मेरे संग सितारे चले नदी चली तो संग-संग किनारे चले, रुके तो रौंद मुझे कारवाँ निकल गया बढ़े कदम तो मुझे लोग पुकारे चले। - A M Prahari
चले जो हम तो मेरे संग सितारे चले नदी चली तो संग-संग किनारे चले, रुके तो रौंद मुझे कारवाँ निकल गया बढ़े कदम तो मुझे लोग पुकारे चले।
- A M Prahari