कभी कभी सोचती हूं बहुत लिख लिया अब ठहर जाना चाहिए,
मंजिल की तलाश में अब मुझे नए सफ़र पर निकल जाना चाहिए।-
मेरे भी थे कुछ ख़्वाब जो
अपनो ने पूरे होने न दिए,
लोगों क्या कहेंगे सुनाकर
सपने भी अपने अब खो दिए ।-
एक पल मिलना एक पल में तरसना तेरा पास होना भी दूरी लगती है,
खुशी आधी अधूरी सी लगती है दिल में कुछ बेबसी सी दिखती है,
जाना तो बहुत दूर था सफर में मगर अब सबसे बेरुखी सी लगती है,
कहने सुनने को कुछ नही बस इस रिश्ते में कमी सी लगती है...-
कही अनकही बातों में जब जिक्र तुम्हरा होता है,
कोई दूर बैठकर भी बस तेरी यादों में होता है...
जब खुद को ढूंढा करता है कुछ पाता है कुछ खोता है,
सारे दिन की मुस्कान लिए बस रातों में वो रोता है...
जब मुझे सुलाकर चैन से बैठे फिर जाके वो सोता है,
उसकी इन्हीं आदतों से मेरे दिल में भी कुछ कुछ होता है...
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किसी के घाव को भी भरने में भी समय लगता है,
हम तो फिर भी दिल के टुकड़ों को समेटने में लगे है,
मरहम लगाने भी कोई आए तो दिल से लगाने आए,
बहुत देखे है हमने मरहम लगा के घाव कुरेदने वाले।-
हार नही मानी मैंने अभी जिंदगी से,
अभी थोड़ी सी जान मुझमें बाकी है,
हालत से बस घंबराई हूं हारी नही हूं,
कमजोर हूं शायद पर बेचारी नही हूं।
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दुनियां जो कहती उसे कहने दो तुम अपने दिल की सुनो,
दुनियां सर झुकाने पर रहेगी तुम अपना सर उठा के रहो...-
"बर्दास्त से जो बाहर है उन यादों से भागे फिरते है,
जिंदगी का यहीं असूल है हम उठते है और गिरते है"-
ज़रा सी बारिश ने इन अंशुओ को बारिश में ऐसा मिला दिया,
कि दिल भी रो कर पूछ पड़ा ये तूने मुझे कैसा सिला दिया...-
ज़िंदगी अचानक यूहीं थम जाए ऐसी तो कोई वजह नहीं,
बस डर लगता है जीने से मिली ऐसी भी कोई सजा नहीं...-