यह कैसा समाज है जहां अनगिनत आसिफा, निर्भया जैसी मासूम बेटियाँ दरिंदगी के सामने दम तोड़ देती है। दर्द पर सियासत होती है। सिर्फ candle march से क्या होगा? कड़ी निंदा से क्या होगा? कानून बदलना चाहिए। हालात अलग है डर सामान्य लोगों को लगता है... डर तो गलत काम करनेवालों को लगना चाहिए,
है ना?
- Anandita Raiyani