जो बिन होली के संग।
भी देता है हर दिन उमंग।
-
मुस्कुराती हुई सी आती है।
एक नया आरंभ, नई आशा की,
उम्मीद कई जताती है।
अनुभव बड़ा निराला सा।
एक भरा हुआ सा प्याला सा।
एहसास नये सिखाती है।
सुबह की पहली प्यारी किरण,
मुस्कुराती हुई सी आती है।-
कहलाते हम,
नभ के पहरेदार भी हैं।
दुश्मन जो हम पर छेड़े तो,
हम प्रबल,प्रथम प्रहार भी हैं।
-
हम पलकों से प्रतीक्षा में,
समय लगाये बैठे हैं।
तुम देर से मत आना।
हम मन की हर ख्वाहिश में,
एहसास जगाये बैठे हैं।
तुम देर से मत आना।
कुछ कहने की अजमाईश में,
कई राज़ छुपाये बैठे हैं।
तुम देर से मत आना।-
#हसरत
#मेरी कविता
कोई हसरत नही हैसियत रखते हैं,
नियती के साथ,साफ नीयत रखते हैं।
पता नही कब,कौन अपना सा मिल जाये।
इसलिए खुशमिजाज तबियत रखते हैं।
रास्ते बहुत हैं मयखाने तक के।
मगर जज़्बात जकड लेते हैं।
इंतज़ार कहीं साकी का और कहीं साथी का,
जो हर बार पकड लेते हैं।
गुनाह नही किये मैंने, सजा मिलेगी जरूर।
इंसान हूं, इंसानियत का क्या कम है ये कुसूर ?-
हैं सदा देश का अभिमान।
दोनों हैं धरा की शान।
हर जन का हैं श्री सम्मान।-