गुलों की सोहबत में आदत बिगड़ न जाए कांटों ने ये अहसास जगा रखा है . -
गुलों की सोहबत में आदत बिगड़ न जाए कांटों ने ये अहसास जगा रखा है .
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अजब दस्तूर है दुनिया का जानते न थे अपने ही गिराते थे हमें पहचानते न थे तुमने बदनाम करके मुझे मशहूर कर दिया यूं तो शहर के लोग मुझे पहचानते न थे . -
अजब दस्तूर है दुनिया का जानते न थे अपने ही गिराते थे हमें पहचानते न थे तुमने बदनाम करके मुझे मशहूर कर दिया यूं तो शहर के लोग मुझे पहचानते न थे .
कसम आंखों के पानी कीथम गये तो जहीनबह गये तो तौहीन होंगेकोई धोखा नहीं ये इश्क हैइस पार हुए तो बल्ले-बल्लेउस पार हुए तो शहीद होंगेखेल नज़रों की निगेहबानी का हैमिली अगर तो हम उसकेझुकी अगर तो हमारे होंगे . -
कसम आंखों के पानी कीथम गये तो जहीनबह गये तो तौहीन होंगेकोई धोखा नहीं ये इश्क हैइस पार हुए तो बल्ले-बल्लेउस पार हुए तो शहीद होंगेखेल नज़रों की निगेहबानी का हैमिली अगर तो हम उसकेझुकी अगर तो हमारे होंगे .
दरख़्त की छांव में ढलती हुई शाम में वादा किया था आपने फिर न कभी आओगे अब क्यों चले आते हो गाहे-बगाहे याद में . -
दरख़्त की छांव में ढलती हुई शाम में वादा किया था आपने फिर न कभी आओगे अब क्यों चले आते हो गाहे-बगाहे याद में .
कुछ दुआयें कर जाओ हाथ छुड़ाने से पहले झूठा ही सही ,वादा कोई कर जाओ हाथ छुड़ाने से पहले कोई निशानी दे जाओ बिछड़ जाने से पहले खुद को भी ज़हन से ले जाओ हाथ छुड़ाने से पहले । -
कुछ दुआयें कर जाओ हाथ छुड़ाने से पहले झूठा ही सही ,वादा कोई कर जाओ हाथ छुड़ाने से पहले कोई निशानी दे जाओ बिछड़ जाने से पहले खुद को भी ज़हन से ले जाओ हाथ छुड़ाने से पहले ।
दिल नाशाद है मिरा याद करो न मुझको मै भूल जाऊं तुम्हें, इतनी हिमाकत नहीं मुझमें . -
दिल नाशाद है मिरा याद करो न मुझको मै भूल जाऊं तुम्हें, इतनी हिमाकत नहीं मुझमें .
इश्क में जहर पी लूं तो मुझे जन्नत नसीब होगी रहेंगे फिर भी जुदा हम तुम्हें दोजख़ की सजा होगी . -
इश्क में जहर पी लूं तो मुझे जन्नत नसीब होगी रहेंगे फिर भी जुदा हम तुम्हें दोजख़ की सजा होगी .
कुछ रोमांचित कुछ उदास सी है किसी के इंतजार में बेजार सी है . -
कुछ रोमांचित कुछ उदास सी है किसी के इंतजार में बेजार सी है .
हजारों सुलगते हुए अंगार आसमां पर रखे हैं एक तन्हा चांद है और और चांदनी के ख्वाब रखे हैं कितने किस्से हैं अंधियारी रात के जबसे हम रात से यारी रखे हैं . -
हजारों सुलगते हुए अंगार आसमां पर रखे हैं एक तन्हा चांद है और और चांदनी के ख्वाब रखे हैं कितने किस्से हैं अंधियारी रात के जबसे हम रात से यारी रखे हैं .