भगवान ने सबकुछ दिया मुझे पर,छीन लिया प्यार का साया,समय था खेलने कूदने की मेरी,ईश्वर को ना आया बिल्कुल भी माया,मान लिया मैन भी ,शायद यही है भाग्य की काया। - आनन्द भगत ✍
भगवान ने सबकुछ दिया मुझे पर,छीन लिया प्यार का साया,समय था खेलने कूदने की मेरी,ईश्वर को ना आया बिल्कुल भी माया,मान लिया मैन भी ,शायद यही है भाग्य की काया।
- आनन्द भगत ✍