16 DEC 2017 AT 23:43

भगवान ने सबकुछ दिया मुझे पर,
छीन लिया प्यार का साया,
समय था खेलने कूदने की मेरी,
ईश्वर को ना आया बिल्कुल भी माया,
मान लिया मैन भी ,शायद यही है भाग्य की काया।

- आनन्द भगत ✍