Anand Bhagat   (आनन्द भगत ✍)
62 Followers · 9 Following

read more
Joined 8 December 2017


read more
Joined 8 December 2017
7 FEB 2023 AT 11:27

कुछ फ़ासले उसे पसंद थी।
और उसकी ख़ुशी मुझे पसंद थी॥
फ़ासले बढ़ते गये, उसकी ख़ुशी उजागर होती गयी।
मैं उसकी ख़ुशियों पे खुश होता रहा नज़दीकिया ख़त्म हो गयी॥

-


24 DEC 2022 AT 19:25

अपना जिसे समझते है उनसे ही तो लड़ते हैं।
वरना ग़ैरों के तो मुँह भी नहीं लगते॥

-


17 JUL 2022 AT 22:22

पूरी दुनिया को धुंधला कर किसी एक पर केंद्रित हो जाते हैं।
फिर किसी दिन केंद्रित इंसान आपको ही छाँट जाते हैं।

-


7 JUL 2022 AT 22:39

घूमने फिरने और फ़टाग्रफ़ी का शौक़ीन हूँ।
लेकिन ज़रूरत पड़ने पे कुछ भी कर जाऊँ,
इतना खुद पे ग़ुरूर है और अपनों का यक़ीन हूँ।

-


19 JUN 2022 AT 23:24

जब तक साया है आपके सर के ऊपर उनका,
तब तक कोई बाल भी बाँका ना कर पाएगा आपका।
बस एक गुज़ारिश है आपसे,
आपके कारण कभी सर झुकने ना देना उनका॥

-


19 JUN 2022 AT 11:57

खेल तो अच्छा रहे थे तुम,
लेकिन सामने वाला बंदा ग़लत चुन लिया ।

-


13 JUN 2022 AT 23:18

या मैंने तुम्हें खो दिया।
क्या फ़र्क़ पड़ता है,
आख़िर गलतफहमियाँ एक दूसरे को जुदा तो कर ही दिया॥
यहाँ कौन किसपे इल्ज़ाम लगा रहा,
मन में विकार था जो निकाल दिया।
तुम जीयो दुनियाँ की सारी ख़ुशियाँ के साथ,
लो आज से तुम्हें मैं सभी बंधनों से मुक्त किया ॥

-


9 JUN 2022 AT 22:17

भूलना कठिन है,
लेकिन आसान काम करने में मन भी तो नहीं लगता 😝

-


1 JUN 2022 AT 22:35

दुनिया में इतना है शोरगुल,
लोग है अपने में मशगूल।
ग़ैर तो छोड़ो, अपने भी गए हैं भूल ॥

-


26 MAY 2022 AT 23:51

कहूँ किसे ये दुनिया है नफ़रत की।
दिल में पूरा हिमालय पर्वत लिए बैठा हूँ,
निकल जाए तो ज़माना नाम देगी इसे बग़ावत की ॥

-


Fetching Anand Bhagat Quotes