anand gupta   (आनंद गुप्ता)
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इत्तफाकन लेखक
Joined 11 April 2017


इत्तफाकन लेखक
Joined 11 April 2017
20 JUN 2023 AT 21:59

दौड़ते भागते
कमाते गंवाते
इंसान सिर्फ सुकून चाहता है

लड़ते झगड़ते
रूठते मनाते
इंसान सिर्फ सुकून चाहता है।।

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26 AUG 2022 AT 0:21

जिंदगी की भागमभाग में पता ही नही चलता,
की कब बच्चे बढ़े और हम बूढ़े हो जाते हैं।।

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2 AUG 2022 AT 0:07

आग लगी है दिल मे
मेरा बदन जल रहा है
मैं चुप हूँ न जाने क्यों
मन मे क्या चल रहा है
हूँ परेशाँ लोग बताते हैं
खुश रहने का मशविरा
हर दूसरे से मिल रहा है
कैसे बताऊँ हाल ऐ दिल
जिसको समझना चाहिये
वो कहाँ कुछ समझ रहा है
ठीक है चलो जिंदगी में मेरी
कुछ न कुछ तो चल रहा है।।

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12 JUL 2022 AT 23:58

दुनिया आपके पेश आने के एकदम मुताबिक़ है।
न इससे रत्तीभर कम न ज़्यादा।।
आप अच्छे से पेश आइये, दुनिया भी वैसे ही पेश आयेगी।

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12 JUL 2022 AT 16:55

खुशियाँ बाँटने वाला भी ग़मज़दा बैठा है,
सबको मनाने वाला ख़ुद ख़फ़ा बैठा है।।

आँख में नमी सी है न मालूम हुआ क्या है,
कोई तो बात है जिसे दिल से लगा बैठा है।।

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19 JUN 2022 AT 14:19

पिता कोई तजुर्बे से नही
पिता बनने पर पिता होता है,

वो जागता रहता है रातों में
और सबको लगता है वो सोता है,

पूरे करने को बच्चों के अरमान
पिता हर पल खुद को खोता है,

दिखते नही उसकी आंखों में आंसू
लेकिन वो करवटें बदल के रोता है,

पिता बनकर आज मालूम हुआ
के जीवन मे कितना त्याग होता है,

पिता ने बेटे से एक रोज पूछा,
अब तुम भी पिता बन चुके हो,

अब के तुमको भी तजुर्बा है
पिता बनना कहो कैसा होता है

बेटे की आंखे नम हो जाती हैं
पिता होना कहाँ आसान होता है।।

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12 MAR 2022 AT 13:50

इंसान को इंसान होने में दूर सफर करना होता है,
आसान नही इंसान होना खूब सबर करना होता है।।

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23 FEB 2022 AT 14:56

वृक्ष से प्रेम बाँटना सीखो
हर एक से करना निस्वार्थ प्रेम
नफ़रत के बदले प्रेम
दर्द के बदले प्रेम
प्रेम के बदले प्रेम
जिंदगी का मक़सद प्रेम
जितना बाँटो उतना बढ़ता प्रेम
हर जीव जंतु प्राणी से प्रेम
प्रकृति के कण कण से प्रेम..💓💓💕

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23 FEB 2022 AT 14:44

मोहब्बत करने वालों ने मोहब्बत सिखाई,
मदद करने वालों ने मदद करना सिखाया।।
नफरत करने वालो से कुछ न कुछ सीखे,
हर घड़ी जिंदगी ने हर पल जीना सिखाया।।

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8 FEB 2022 AT 15:51

तुम बस हाथ जोड़ कर लो प्राथना,
मन में कर लो माँ नर्मदा का ध्यान।
मत करो आडंबर और दिखावा,
मत फैलाओ कचरा मत करो दीपदान।।
स्वच्छ रहे हर तट हर बूंद जल की,
बस यही पूजा यही सही विधि विधान।।

नर्मदा जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।

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