पिता कोई तजुर्बे से नही
पिता बनने पर पिता होता है,
वो जागता रहता है रातों में
और सबको लगता है वो सोता है,
पूरे करने को बच्चों के अरमान
पिता हर पल खुद को खोता है,
दिखते नही उसकी आंखों में आंसू
लेकिन वो करवटें बदल के रोता है,
पिता बनकर आज मालूम हुआ
के जीवन मे कितना त्याग होता है,
पिता ने बेटे से एक रोज पूछा,
अब तुम भी पिता बन चुके हो,
अब के तुमको भी तजुर्बा है
पिता बनना कहो कैसा होता है
बेटे की आंखे नम हो जाती हैं
पिता होना कहाँ आसान होता है।।
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