सुना है,आदमी मुसाफ़िर है,पर सुनो,शब्द नहींअक्सर दिल में घर कर लेते है,सालों साल ठहरे रहते हैं,ज्यादा तो कुछ नहीं होता,या तो ज़िन्दगी सँवर जाती है,या ज़िन्दगी ठहर जाती है! - My words #Anamika
सुना है,आदमी मुसाफ़िर है,पर सुनो,शब्द नहींअक्सर दिल में घर कर लेते है,सालों साल ठहरे रहते हैं,ज्यादा तो कुछ नहीं होता,या तो ज़िन्दगी सँवर जाती है,या ज़िन्दगी ठहर जाती है!
- My words #Anamika