Amit Sharma   (© इश्क़ शर्मा प्यार से ✍)
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Joined 18 September 2017


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Joined 18 September 2017
23 FEB 2018 AT 16:54

★ प्रेम का रेखाचित्र ★

प्रेम एक भाव है, जो किसी भी जीव को किसी भी जीव से हो सकता है। यह भाव जीव के स्वभाव से उत्प्न्न होता है। वह स्वभाव जीव के चरित्र से जन्मता है। चरित्र के निर्माता जीव स्वयं होता है। जीव का निर्माण उस परमात्मा द्वारा निर्धारित किये गए माध्यम से होता है। और उस माध्यम को माता-पिता कहते है।

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23 FEB 2018 AT 7:25

दिल को मुहब्बत के धागों से, आज चलो रफ़ू करदें
दिल के तमाम ज़ख़्मो को, इश्क़ ए मरहम से छू करदे

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23 FEB 2018 AT 4:52

Trust is the second part of attraction, when ever you need answer of your heart's question from your mind, then trust is most important thing to share your Valuable Words with anyone else.

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22 FEB 2018 AT 21:35

तलाश उसकी नही जो सबका है
तलाश उसकी है, जो मेरा हुआ तो किसी का न हो.

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22 FEB 2018 AT 21:29

रहने को तो वक़्त बहुत था, फिर भी तलाश नही की

तू इतना पास था मेरे, फिर किसिपे मैं विश्वास नही की

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22 FEB 2018 AT 21:25

मेरे लहू का कतरा कतरा, उनके लहू का हिसाब है
माँ-बाप ही मेरी जीवनी, और वही पुराणी किताब है

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22 FEB 2018 AT 14:26

भरोसा, भरोसे में रह गया
भरोसेमंद, जो चंद रह गए है

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22 FEB 2018 AT 14:22

Its batter
to be alone,
but I really
hate being lonely..

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22 FEB 2018 AT 13:56

तुम्हें यह कृत्य हर हाल करना होगा
जीने के लिए कई बार मरना होगा

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22 FEB 2018 AT 13:53

बदलते-बदलते उसने खुद को इतना बदल लिया
की, बदला हुआ उसका अक्स, उसकी बदली शख्शियत न पहचान सका..

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