अमित   (निश्छल)
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शब्द मिलेंगे तब गाऊँगा
Joined 8 January 2018


शब्द मिलेंगे तब गाऊँगा
Joined 8 January 2018
21 HOURS AGO

उपह्रत करना तिरस्कार की
निष्ठुर वाणी मुझे अंत तक;
मुझे चाह अंगारों की है
वह्निशिखा के गान करूँगा।।
मैं, आहत हो जाऊँगा यदि
शय्या पर पुष्प चढ़ाओगे;
काँटों का अनवरत भिखारी
शूलों का आह्वान करूँगा।

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10 APR AT 10:07

कितनी रसनाएँ जाँच चुके
मन कितनों के पहचान चुके;
इठलाती-बलखाती भौं के
कितने तीरों को माप चुके?

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22 FEB AT 8:37

यद्यपि वांछा नहीं नदी को
संरक्षण के दावों का
चाह नहीं है उसे सिंधु तक
अनुशासन के घावों का।
बंधों का प्रारब्ध आदि से
निश्चित है विघटित होना
तरंगिणी की चपल चपलता
विशृंखल अवधावों का।।

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16 DEC 2023 AT 8:22

तात्पर्य:- स्वतंत्रता अवांछित तत्वों से ली जाती है। उत्पत्ति के कारक से स्वतंत्रता सर्वनाश को आमंत्रित करती है।

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17 SEP 2023 AT 22:18

हर रातों को पूनम कह दूँ,
तो, सच का प्रतिहार कहाऊँ।
क्या जब सच उद्भावित होगा,
रातें बुरा नहीं मानेंगीं?

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31 AUG 2023 AT 9:14

भूधर के एकैक शैल का वंदन बारंबार करूँ;
जिनकी मिति विद्यमानता से सरिता-तट सुदृढ़ होते।

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31 AUG 2023 AT 9:08

भूधर के एकैक शैल का
वंदन बारंबार करूँ;
जिनकी मिति विद्यमानता से
सरिता-तट सुदृढ़ होते।

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15 AUG 2023 AT 10:40


शूरत्व समर्पित रज उन्नत
वीरत्व अलंकृत पृष्ठभूमि।
तरुणाई यह अर्पित तुम पर
हे पूज्य-अनामय मातृभूमि।।
】अनुशीर्षक【

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14 AUG 2023 AT 0:03

मैं, आहत हो जाऊँगा यदि
शय्या पर पुष्प चढ़ाओगे;
काँटों का अनवरत भिखारी
शूलों का आह्वान करूँगा।
उपहृत करना तिरस्कार की
निष्ठुर वाणी, सुनो, अंत तक;
मुझे चाह अंगारों की है
वह्निशिखा के गान करूँगा।।

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17 JUN 2023 AT 17:09

Conscientiousness towards duty is the most important factor throughout the service delivery.

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