Amit Negi   (NeGi_aMıT©)
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"Vibrate Higher"
Joined 16 May 2017


"Vibrate Higher"
Joined 16 May 2017
12 OCT 2022 AT 7:02

सूखे हुए पत्तों की तरह बिखरे हुए थे हम,
उसने बड़े प्यार से एक एक कर समेटा,
और आग लगा दी।

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7 OCT 2022 AT 15:51

मुझे मालूम था एक दिन तुम अपनी ही बातों से मुकरोगे,
मै हर बार तुम्हे तब याद आऊंगा,
जब जब भीड के बीच मे से तुम अकेले गुजरोगे।

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22 AUG 2022 AT 15:01

फन कुचलने का हुनर भी सीखिए जनाब,
सापों के खौफ से शेर जंगल नही छोडा करते!

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13 AUG 2022 AT 23:40

ये दिल भी डूबेगा, समंदर मे किसी के,
हम भी तो लिखे होंगे मुक्कदर मे किसी के,
वो जा चूके है हमे छोड़कर,
अब उनसे हमारी बात नहीं होती,
मगर उन्हे याद किए बिना हम सो जाए,
ऐसी कोई रात नहीं होती,

सोचते हैं की काश रोक लेते उन्हें हम आखरी बार,
पर रूक जाने के बाद भी वो मेरे साथ ना होती,
कुछ ख़ामोशियों का शोर था, कुछ मुद्दतों का भी जोर था,
उस शक्श से अपने दिल की बात कैसे कह पाते,
जिसके पास हम मगर दिल में कोई और था।

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13 AUG 2022 AT 19:46

मुझे पसंद हैं ये गुमनाम रास्ते,

ना मजिंल तक पहुंचने की होड है,
और ना ही गुमराह हो जाने का डर!

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13 AUG 2022 AT 8:09

खामोशियों की भाषा सुनते हैं हम अब,
जरा सी आहट भी बहुत शोर सी लगती है,
समझ बैठे थे जिन्हे हम अपना,
नासमझ दिल की भूल सी लगती है,
हर वो चीज जो अजीज थी हमें
जम गई उस पर कोई धूल सी लगती है,
बिखर गए हम सूखे पत्तों की तरह,
हर ख्यालों की इमारत अब ढही सी लगती है।

मिले हैं हम खुदगर्ज लोगों से इतना,
हर शख्सियत अब हमें नई सी लगती है।

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28 JUL 2022 AT 23:36

AQUARIUS

The way they have mastered in ignoring and detachment is scary.

You'll have doubt on your existence only.

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16 JUN 2022 AT 22:19

ना मांगा किजिए किसी से उनका वक्त जनाब,
क्या पता उनके पास इन्कार करने का भी वक्त ना हो।

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1 FEB 2022 AT 1:01

शख्सियत पर हमारी, कोई शक न था,
बस किरदार हमारे जरा कमजोर निकले।— % &

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22 JAN 2022 AT 1:44

सीख ली जिसने अदा, हर गम मे मुस्कुराने की,
उसे क्या मिटाएगी, हस्तियां इस जमाने की..!

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