ये दिल भी डूबेगा, समंदर मे किसी के,
हम भी तो लिखे होंगे मुक्कदर मे किसी के,
वो जा चूके है हमे छोड़कर,
अब उनसे हमारी बात नहीं होती,
मगर उन्हे याद किए बिना हम सो जाए,
ऐसी कोई रात नहीं होती,
सोचते हैं की काश रोक लेते उन्हें हम आखरी बार,
पर रूक जाने के बाद भी वो मेरे साथ ना होती,
कुछ ख़ामोशियों का शोर था, कुछ मुद्दतों का भी जोर था,
उस शक्श से अपने दिल की बात कैसे कह पाते,
जिसके पास हम मगर दिल में कोई और था।
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