नज़र तुझ पर भी रखता, किसी और को भी अपना बना लेताअगर चाहता तो घर मैं भी बसा लेता। -
नज़र तुझ पर भी रखता, किसी और को भी अपना बना लेताअगर चाहता तो घर मैं भी बसा लेता।
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नींध भी अब आँखो से धौंका करती हैबारिशें उसके नाम से भिगोया करती हैं।पुकारती है भीड़ अब भी मुझे जिसके नाम परउस लड़की से इतना ही अब मेरा रिश्ता है मिलती है कहीं तो अब बस दूर से देख कर रोया करती है। -
नींध भी अब आँखो से धौंका करती हैबारिशें उसके नाम से भिगोया करती हैं।पुकारती है भीड़ अब भी मुझे जिसके नाम परउस लड़की से इतना ही अब मेरा रिश्ता है मिलती है कहीं तो अब बस दूर से देख कर रोया करती है।
जब वो दिल से मेरे उतर गया तोक्या फ़र्क़ पड़ता है ज़िंदा है कि मर गया। -
जब वो दिल से मेरे उतर गया तोक्या फ़र्क़ पड़ता है ज़िंदा है कि मर गया।
उसने मुझको एक गुमान में रखाफिर हल्का हल्का ध्यान में रखा।उसने दी ना इजाज़त जमीं कीमैंने तो फिर भी आसमान में रखा।उसने किया रूकसत दिल-दिमाग़ सेमैंने तो फिर भी ख़याल-ए-प्याम में रखा।उसने जलाया जीते जी मुझकोमैंने तो तशविरो को भी अमान में रखा । -
उसने मुझको एक गुमान में रखाफिर हल्का हल्का ध्यान में रखा।उसने दी ना इजाज़त जमीं कीमैंने तो फिर भी आसमान में रखा।उसने किया रूकसत दिल-दिमाग़ सेमैंने तो फिर भी ख़याल-ए-प्याम में रखा।उसने जलाया जीते जी मुझकोमैंने तो तशविरो को भी अमान में रखा ।
ख़ुश रहो आबाद रहोपर जिसके भी साथ रहो बेहिसाब रहो। -
ख़ुश रहो आबाद रहोपर जिसके भी साथ रहो बेहिसाब रहो।
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तेरी फ़िक्र तेरा ज़िक्र धुएँ में उड़ा दूँगादर्द जब हद से ज़्यादा बढ़ेगा तो मुशकरा दूँगा। -
तेरी फ़िक्र तेरा ज़िक्र धुएँ में उड़ा दूँगादर्द जब हद से ज़्यादा बढ़ेगा तो मुशकरा दूँगा।
मेरे अल्फ़ाज़ो की ये ज़ुबान ना होतीअगर रूह मेरी इतनी परेशान ना होती।मैं भी जी लेता बेखोफ इस ज़माने मेंअगर टूटे दिल से मेरी पहचान ना होती।काश तू भी गुज़रती कभी मेरी रहगुज़र सेतो मेरे दर्द से तू यूँ अनजान ना होती। -
मेरे अल्फ़ाज़ो की ये ज़ुबान ना होतीअगर रूह मेरी इतनी परेशान ना होती।मैं भी जी लेता बेखोफ इस ज़माने मेंअगर टूटे दिल से मेरी पहचान ना होती।काश तू भी गुज़रती कभी मेरी रहगुज़र सेतो मेरे दर्द से तू यूँ अनजान ना होती।
लाल हरा पीला नारंगी नीलासब रंगो में भेद हैतुम हो सतरंगी हूँ मैंवरना तुम बिन मेरा हर रंग सफ़ेद हैतुम आओ तो खेलू रंग। -
लाल हरा पीला नारंगी नीलासब रंगो में भेद हैतुम हो सतरंगी हूँ मैंवरना तुम बिन मेरा हर रंग सफ़ेद हैतुम आओ तो खेलू रंग।
ना ज़मीं के हैं ना आसमा के हैंना जाने हम तो किस जहाँ के हैं।जिनकी मंज़िलो के ठिकाने नहींजाने जाँ हम तो उस कारवाँ के हैं।तू मिले तो पूछना है हमेंमता ए जाँ क्या अब भी हम तेरी अमाँ के हैं। -
ना ज़मीं के हैं ना आसमा के हैंना जाने हम तो किस जहाँ के हैं।जिनकी मंज़िलो के ठिकाने नहींजाने जाँ हम तो उस कारवाँ के हैं।तू मिले तो पूछना है हमेंमता ए जाँ क्या अब भी हम तेरी अमाँ के हैं।