Amit Kumar Manjhi   (✍©अमित कुमार माँझी)
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Joined 23 March 2017


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Joined 23 March 2017
14 FEB 2023 AT 11:29

इश्क हो गया था उससे
पता चला उसके जाने के बाद।

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31 OCT 2022 AT 18:20

तुम छठ के अगले दिन का ख़ालीपन हो.

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15 OCT 2022 AT 19:29

आज फिर किसी ने उसका जिक्र किया
लेकिन इसबार दिल जोड़ों से नहीं धड़का
क्या मुझे पहले जैसी मोहब्बत नहीं रही उससे?

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13 OCT 2022 AT 18:14

वो मेरी बरसों के इंतजार के बाद मिलने वाली
मोहब्बत हैं
उसे भूखा रखना पसंद नहीं हैं मुझे।

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4 OCT 2022 AT 9:26

मुद्दतों बाद जब मैं कल उससे मिला,
थोड़ा खुशी हुई,बहुत दुःख हुआ।

हम एक दूसरे के हो सकते थे,
ऐसा फिर महसूस हुआ।

कल से ही हैं आँखों में मेरे पानी,
ये बात फिर बादलों को पता चली
फिर सारी रात बरसात भरपूर हुआ।

कई सालों से लिख रहा हूँ
इश्क़ मोहब्बत पर कविताएँ
इश्क होता क्या हैं,
कल मुझे महसूस हुआ।

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23 SEP 2022 AT 23:08

दोस्ती तो तुम सही से निभा नहीं पाए,
मोहब्बत तुमसे क्या खाक होगी ।

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17 SEP 2022 AT 17:30

ये python क्या हैं?

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11 SEP 2022 AT 17:33

CTC पे सबकी निगाह रहती हैं,
टैक्स कोई नहीं देखता।

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30 AUG 2022 AT 22:11

जो भी मिलता हैं उसको मैं अपना मान लेता हूँ,
हकीम ने इसको मेरी ख़ानदानी बीमारी बताया हैं।

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28 AUG 2022 AT 17:25

यूँहीं बैठा था की आज फिर एक ख्याल आया,
ज़िंदगी आज फिर तुझपे एक सवाल आया।

शहर ,गाँव ,घर का आँगन और वो पुराना दोस्त याद आया,
कुछ देर मुस्कुराता रहा,फिर आँखों में सैलाब आया।

उम्र भर मंजिल की चाह में मुसाफिर भटकता रहा,
जब मंजिल मिली ,फिर सफर याद आया।

दिल का तोड़ना उसकी आदतों में था शुमार
दिल खुद का टूटा,फिर दूसरे का ख़्याल आया।

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