Amit Kumar  
53 Followers · 25 Following

Joined 1 July 2019


Joined 1 July 2019
14 APR 2022 AT 20:50

जो मेरे प्यार में उलझा हुआ दिखाई दे

भगवान कभी न मेरी क़ैद से रिहाई दे

मेरी बहू को जो कोई भी मुँह-दिखाई दे

तो साथ नक़्द के ज़ेवर कोई सोने के दे

अजीब शख़्स से पाला पड़ा है ऐ भाबी

मैं कुछ कहूँ तो उसे कुछ का कुछ सुनाई दे

वो छेड़ा करती है मर्दों को राह चलते में

ख़ुदा किसी को न इस दर्जा बे-हयाई दे

दुआ ये अपनी पड़ोसन को आज दी मैं ने

कि इन की शक्ल का भगवान तुझ को भाई दे

मेरी ग़ज़ल को किसी रोज़ टेप कर लेना

मैं चुप रहूँ भी तो नग़्मा मिरा सुनाई दे

-


17 DEC 2021 AT 8:47

हमारे ख़्वाब तन्हा हैं हमारे ग़म अकेले हैं

घिरे हैं कितने हंगामों में फिर भी हम अकेले हैं

तुम्हारे पास भी सूखे हुए कुछ फूल हैं तन्हा

हमारे साथ भी खोए हुए मौसम अकेले हैं

चले आओ कि दिल की धड़कनों में नग़्मगी भर दें

तुम्हारा साज़ तन्हा है मिरे सरगम अकेले हैं

भरी महफ़िल में ये एहसास-ए-तन्हाई हमें क्यों है

न जाने क्यों तिरी दुनिया में या-रब हम अकेले हैं

ख़ुशी ने जिन को ठुकराया वो मंज़िल तक नहीं पहुँचे

सुना है आज तक आवारगान-ए-ग़म अकेले हैं

न जाने लोग पीछे रह गए या दूर जा पहुँचे

जहाँ तक देखते हैं रास्ते में हम अकेले हैं

-


3 DEC 2021 AT 10:08

क़ब्रों में नहीं हम को किताबों में उतारो

हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरें हैं

-


28 NOV 2021 AT 16:29

पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है

ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है

-


28 NOV 2021 AT 16:27

रोज़ अच्छे नहीं लगते आँसू

ख़ास मौक़ों पे मज़ा देते हैं

-


16 NOV 2021 AT 17:51

गलत सुना था कि, इश्क आँखों से होता है..

दिल तो वो भी ले जाते है, जो पलकें तक नही उठाते.!

-


9 NOV 2021 AT 16:24

चेहरे पे मिरे ज़ुल्फ़ को फैलाओ किसी दिन

क्या रोज़ गरजते हो बरस जाओ किसी दिन

राज़ों की तरह उतरो मिरे दिल में किसी शब

दस्तक पे मिरे हाथ की खुल जाओ किसी दिन

पेड़ों की तरह हुस्न की बारिश में नहा लूँ

बादल की तरह झूम के घर आओ किसी दिन

ख़ुशबू की तरह गुज़रो मिरी दिल की गली से

फूलों की तरह मुझ पे बिखर जाओ किसी दिन

गुज़रें जो मेरे घर से तो रुक जाएँ सितारे

इस तरह मिरी रात को चमकाओ किसी दिन

मैं अपनी हर इक साँस उसी रात को दे दूँ

सर रख के मिरे सीने पे सो जाओ किसी दिन

-


19 OCT 2021 AT 12:37

बहुत रोना धोना करोगी जानते हैं

हमें तुम क्या कहोगी जानते हैं

हमारी ही बुरी लगती थी तुम को

अभी सब की सुनोगी जानते हैं

-


16 OCT 2021 AT 20:17

अब जा कर एहसास हुआ है प्यार भी करना था

प्यार जो करना था उस का इज़हार भी करना था...

-


15 OCT 2021 AT 21:51

रफ़्ता रफ़्ता क़ुबूल होंगे उसे

रौशनी के लिए नए हैं हम

-


Fetching Amit Kumar Quotes