अजिब दौर में जी रहा हु जिंदगी के.,
जो चाहिए उसे पाना नही है...!i-
Amit Choudhary
(a_M_¡_!)
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Joined 2 April 2018
10 MAY 2019 AT 21:21
दो शब्दों के बिच सिमटा हुआ है ,
खेल ज़िन्दगी का...
इच्छाओ का तो अंत नही ,
और सांसो की सीमा निश्चित है....!¡!¡-
22 JAN 2019 AT 23:10
उस इंसान की तलाश करो जिसके लिए तुम
PerfecT हो...
उसकी नही जो तुम्हारे लिए PERFECT है..
yakin mano khush rhoge...-
17 MAY 2020 AT 11:24
किसी की मर्जी को ,
किसी की मर्जी को हम अपनी
किस्मत बना बैठे है...
हम अपने हाथों की सब लकीरे मिटा
चुके है...!!-
28 APR 2020 AT 12:09
Bichhad jaane ka,
sochato nhi tha,
Hsmne lekin
Tujhe Khush Rakhne ki kosis me,
dukh phucha rhe hai...-
13 FEB 2020 AT 18:38
अभी हम देख रहे हैं वक्त को बदलते हुए.,
एक वक्त ऐसा लाएंगे की वक्त भी देखते रह जाएगा हमें बदलते हुए....!!-