Amandeep Kaur   (Peace_Aman)
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I believe in be what YOU are...why to change for others change for YOURSELF...
Joined 21 February 2020


I believe in be what YOU are...why to change for others change for YOURSELF...
Joined 21 February 2020
9 JUL AT 23:23

मैं उन बूंदों की मिठास में हूं जो तेरे होंठों को छुके गुजरी,
उस हवा के एहसास में हूं जो तेरे चेहरे पे आ बिखरी,
ये बरसात नहीं है मेरी जान बस मेरे दिल का हाल है,
जो पैगाम बन के तेरी याद में मेरी आँख से यूं छलकी।
कि उफ़ भी न कर सके जमाने से बचा के रख सकें,
तुझे आंखों में काजल की तरह बस के रख सकें।।

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7 JUL AT 20:50

तू वक्त की दौड़ में कुछ ऐसा उलझ गया,
की मुड़ के भी नहीं देखा।
कि हम आज भी वहीं खड़े हैं,
जहां कभी तुमने इंतज़ार करने को कहा था।

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5 JUL AT 11:02

Being with you is not an easy path to start,
But knowing all this,
I still want to be your part.
Is it just attraction or fleeting infatuation?
I don’t know… it just feels like a
missing puzzle piece of my heart.

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22 JUN AT 0:09

न मुस्कुराने की चाह न दिल तुड़वाने की
बस एक नजर में गुम हो जाने की राह।

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18 JUN AT 23:19

वक्त ने कुछ नया एहसास कराया
उनके थोड़ा और क़रीब ले आया,
बस अब ये डर सत्या की ये नज़दीकी है
या लम्बी दूरी का फ़रमान लाया।

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10 JUN AT 13:45

कुछ भुला सा कुछ जाना पहचाना,
न वो तेरे लिए न कभी तू उसकी थी।

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8 MAY AT 23:51

"मेरा मेरा सब कहे,
पर मेरा कुछ न होय ये ज़मीन,
ये आसमान बस उसका होय
जो समझे गुण जीने का,
कि 'मेरा मेरा' कुछ न होय..."
"तू आप भी बिछड़ा पंछी,
जो उसमें लीन होय ये ज़मीन,
ये आसमान सब उसका होय।"

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7 MAY AT 23:20

क्या गम क्या ख़ुशी मौत तो है ही सबके लिए अजनबी,
उसका आना और साथ ले जाना हाथों में छुपा है,
फिर भी दोष उसे मिला जो ज़रिए बना,
क्या गम क्या ख़ुशी बस सुकून के दो पल
के लिए पल पल जल रहा है,
मौत तो बस हर सफ़र का इक आखिरी फलसफा है।।

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2 MAY AT 23:22

शब्दों के जाल में कुछ ऐसे उलझे कि फिर सुलझ न पाए,
ख्यालों के जन जाल में कुछ ऐसे डूबे की फिर पार न पाए।

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1 MAY AT 23:03

Before i forget my way to you once again
I just want to be a reminder to do it.
Write and fight for a streak.

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