यू जो रुख़सत हो कर,,,आने की कोशिश करते हो कही खुद को खुद से पाने की कोशिश तो नही करते। यू जो वादे तोड़ कर,,,उसे निभाने की कोशिश करते हो कही खुद से खुद को लुभाने की कोशिश तो नहीं करते। यू जो हवाओ में ज़हर घोल कर,उसे सुगन्धित करते हो कही खुद को मुझे पाने की कोई नायाम कोशिश तो नही यू जो रिश्ते क़लम कर,उसे जोड़ने की कोशिश करते हो तो ये सिर्फ मेरे हलक से जान निकलने के अलावा कुछ नही।
नज़रो के सामने जो रिश्ते थे, वो कायल कर गये। जिन्हें हम दोस्त कहते थे,वो ही अब घायल कर गये। मेरी ये नज़ाकत है, कि उन्हें हम दिलो में बसाये बैठे है। और एक वो है,की हममे यादो में दफनाये बैठे है।