सत्ता की है मांग यही कि तुम अब लिखना बंद करो
भेड़चाल में चलना सीखो विपरीत चीखना बंद करो
मत लिखो कि महंगाई है बस अच्छे दिन की बात करो
जन लोकपाल छोड़ो तुम पीएम की मन कि बात करो
रिपोर्ट कार्ड क्यों देखते हो ये देखो कि उसने क्या क्या अब तक झेला है
देखो ये कि माँ करती थी चूल्हा चौका उसने बचपन में चाय तक बेचा है
लिखो ये कि विकास हुआ है
थोड़ा नही बहुत खास हुआ है
पिछले सत्तर सालों में क्या ख़ाक हुआ है
अरे जो हुआ बस मोदी जी के हाथ हुआ है
रोज़गार की बात नही मुद्रा योजना की तुम बात करो
पेट्रोल डीजल छोड़ो घर घर उज्वला की तुम बात करो
मत दिलाओ उनके वादे याद उन्हें देशद्रोही करार किए जाओगे
सरकार विरोध में जो लिखा तुमने तो हिन्दुविरोधी भी कहलाओगे
चलो छोड़ो जो होता है होने दो ज्यादा सोचना बंद करो
सत्ता की है मांग यही कि तुम अब लिखना बंद करो
भेड़चाल में चलना सीखो विपरीत चीखना बंद करो
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