वर्षों से नजरों में बसाया था तुझेपलकों पे सजाया था,मेरे आँखों से जो आँसू बहे,तुम उन आँसूओं के संग ही,मेरे नजरों से उतर गए । - आलोक पराशर
वर्षों से नजरों में बसाया था तुझेपलकों पे सजाया था,मेरे आँखों से जो आँसू बहे,तुम उन आँसूओं के संग ही,मेरे नजरों से उतर गए ।
- आलोक पराशर