20 APR 2018 AT 0:17

"दिन है अाज जश्न का,
आज ३० साल की हो चली है हमारी मोहब्बत।

दिन है आज जश्न का,
जैसे महरबान-सी है आज दीवान-ए-कुदरत।

दिन है आज जश्न का,
सम्पूर्ण-से हो गए हैं हम करने में इक-दूजे की इबादत।

दिन है आज जश्न का,
गहरी जो हो गई है हमारे प्यार की बरकत।

दिन है आज जश्न का,
और भी खूबसूरत-सी हो गई है हमारे रिश्ते की हर आहट।

दिन है आज जश्न का,
जैसे अब इनायत-ए-खुदा बन गई हो तुम्हारी कुरबत।"

(Dad, to Mom, on their 30th Wedlock anniversary!)


-