मैंने अक्सर तुम्हारी, रुह ए इबादत की, तुमने अक्सर हमारी, हुस्न ए चाहत की । - अक्षय धामेचा
मैंने अक्सर तुम्हारी, रुह ए इबादत की, तुमने अक्सर हमारी, हुस्न ए चाहत की ।
- अक्षय धामेचा