Akhil   (akhilpsb)
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Joined 8 February 2017


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2 MAY 2023 AT 18:47

उनसे जिस पल मिले,
वो सदी बन गए,
फिर कभी मिले ही नहीं,
वो तो ख़ुदी बन गए..

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4 APR 2023 AT 2:01

हमने रास्ता चुना,
उन्होंने मंज़िल,
हम रास्ते पर चलते रहे,
वो बस मंज़िल बदलते रहे..

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29 MAR 2023 AT 23:20

मुझे मोहब्बत पर यक़ीन था,
उनको ज़रूरत पर,
मोहब्बत भी हारी,
ज़रूरत भी हारी,
जीती बस नफ़रत,
जिस पर,
न हमको यक़ीन था,
न उनको यक़ीन था ।

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29 MAR 2023 AT 0:30

तुझपे फ़ना हूँ,
मुझे नहीं मालूम
इसका अंजाम क्या होगा,
अंजान बनकर,
तुम भी पछताओगे,
हम भी पछताएंगे,
न जाने वक़्त का,
तब पैग़ाम क्या होगा..

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26 MAR 2023 AT 23:02

मैं इतना भी ख़ुदग़र्ज़ नहीं कि,
तेरे इनकार पर तेरा दीदार करूँ,
पर इतना खुद्दार भी नहीं कि,
तुझसे तक़रार पर
किसी और से इक़रार करूँ ।

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25 MAR 2023 AT 22:13

नज़र पड़ी जो उसपे,
वो इतराने लगी,
हूँ मैं अजनबी कहके,
बतलाने लगी,
वो पल यूँ ही ठहर गया,
पर वक़्त था जल्द मुक़र गया,
इतने में वो जाने लगी,
हमारी क़िस्मत फिर से,
हम पर मुस्कुराने लगी..

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25 MAR 2023 AT 0:23

क़िस्मत का कैसा सलीक़ा,
ये भी आखिर कैसा तरीका,
एक ने नफ़रत की,
दूसरा मरहम हो गया,
दूसरे ने मोहब्बत की,
पहला बेरहम हो गया..

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24 MAR 2023 AT 0:43

बताकर उजाले अँधेरों से मिलवाते हैं,
कितनी फ़िक़्र हैं उन्हें हमारी,
हमारे दिये हमसे ही बुझवाते हैं ।

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18 MAR 2023 AT 10:06

तस्वीर को इजाज़त नहीं
तक़दीर बन जाए,
फिर किसने तक़दीर को इजाज़त दी,
कि वो तस्वीर बन गयी..

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7 MAR 2023 AT 0:47

रोशन किया चराग़ को,
ख़ुद बुझ गयी अंगारों में,
कैसे जल जाने देती प्रह्लाद को,
आखिर 'माँ' थी असुर घराने में..

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