झूम रही है सारी महफिल उसपे लिखी नज्मों परमगर वो कौन सी बात है जो मेरे बातों में नहीं हैजिसको वो मिले उसकी हथेली दिखा देना मुझेकैसी होती है वो लकीर जो मेरे हाथों में नहीं है -
झूम रही है सारी महफिल उसपे लिखी नज्मों परमगर वो कौन सी बात है जो मेरे बातों में नहीं हैजिसको वो मिले उसकी हथेली दिखा देना मुझेकैसी होती है वो लकीर जो मेरे हाथों में नहीं है
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सुनने वालों से क्या मतलब ये तो कुछ कुछ सुनते हैउसको हमको सब बताना है जिससे बात बंद है -
सुनने वालों से क्या मतलब ये तो कुछ कुछ सुनते हैउसको हमको सब बताना है जिससे बात बंद है
थी गजलें नज्में और शेर मगर तुम शोर सुनती रहीजानती हो हर सवाल पे क्यूं आईना मौन था,जिस्म तक जो पहुंचा उसे तुम प्रेम कहती रहीआंचल से लग के जो रोया वो कौन था | -
थी गजलें नज्में और शेर मगर तुम शोर सुनती रहीजानती हो हर सवाल पे क्यूं आईना मौन था,जिस्म तक जो पहुंचा उसे तुम प्रेम कहती रहीआंचल से लग के जो रोया वो कौन था |
गम से हैं मेरे वाकिफ दो लोग मैं.....और आईने में रहता है कोई -
गम से हैं मेरे वाकिफ दो लोग मैं.....और आईने में रहता है कोई
गुज़ार दूंगा सारी उम्र बैगर उसके.... बस ये शाम जरा सब्र से गुजरना -
गुज़ार दूंगा सारी उम्र बैगर उसके.... बस ये शाम जरा सब्र से गुजरना
मैदान तो हां नया है,खेल सब पुराना चल रहा है,,सबकी भलाई के मुद्दे के अंदर,सिर्फ अपना अपना भला चल रहा है।। -
मैदान तो हां नया है,खेल सब पुराना चल रहा है,,सबकी भलाई के मुद्दे के अंदर,सिर्फ अपना अपना भला चल रहा है।।
सारे जरूरी लोग एक साथ बैठे हैं,,जरूर कोई बात गैरजरूरी होगी -
सारे जरूरी लोग एक साथ बैठे हैं,,जरूर कोई बात गैरजरूरी होगी
ख्वाइश और किसी की तो पूरी करेगा ही आकाश - वर्ना,टूटना उसके तारे का बेकार जायेगा,,आखिर में तो हंस पड़ेंगे किसी एक बात पर,रूठना तमाम उम्र का बेकार जायेगा । -
ख्वाइश और किसी की तो पूरी करेगा ही आकाश - वर्ना,टूटना उसके तारे का बेकार जायेगा,,आखिर में तो हंस पड़ेंगे किसी एक बात पर,रूठना तमाम उम्र का बेकार जायेगा ।
अपनी तल्खियों पे इतना यकीन है मुझे,अपने रकीब के खत लिख रहा हूँ उसे -
अपनी तल्खियों पे इतना यकीन है मुझे,अपने रकीब के खत लिख रहा हूँ उसे
I am the one who cheated ...It's me I am angry with .Its hard to forget when financial losses concur .It's just been two weeks I joined ...Okay if you push so much and it's weekend with guilable feeling he had his slice of Pizza.... Again . -
I am the one who cheated ...It's me I am angry with .Its hard to forget when financial losses concur .It's just been two weeks I joined ...Okay if you push so much and it's weekend with guilable feeling he had his slice of Pizza.... Again .