अब भूल जाओ तुम वो सारी हमारी बातें और प्यारी सी मुलाकातें, कि... अब भूल भी जाओ तुम वो सारी हमारी बातें और प्यारी सी मुलाकातें, दर्द ऐसे दिये है तुमनें हमें कि अब हम तो कभी ना आ पायेंगे तुम्हारे पास, आयेंगी तो बस मेरी यादें...
वो हमसे हमारी बेरुखी का हर पल हिसाब माँगते हैं, कौन किसके लिए क्या था ये हम दोनों ही जानते हैं, खुद खत्म किया हैं उन्होनें हमारे बीच के रिश्ते को, पर जनाब तो बस हमें ही इसका गुनहगार मानते है...
"वो हमसें नफरत का झूठा नकाब ओढ़कर चलते हैं, पर दिल में उनके तो हमसे प्यार के अरमान मचलते हैं, वो कहते है कि वो कुछ हमसे कह नही पाते, फिर भी उनकी बातों और आँखों से सिर्फ हमारे साथ रहने के सपने ही झलकते हैं..."