Akash Patel   (Atul)
100 Followers · 16 Following

कदमों की लड़खड़ाहट सबूत है राहगीरपने का।
Joined 31 January 2018


कदमों की लड़खड़ाहट सबूत है राहगीरपने का।
Joined 31 January 2018
4 AUG 2021 AT 18:13

वो देख रही हो,
नर्मदा के किनारे किनारे,
एक पत्ते में बहता हुआ एक फूल आ रहा है।
देखो अब एक औरत ने उसे पकड़ लिया है,
उस फूल को निकालकर किनारे पे रख दिया है।
और उस पत्ते पे उसने जलता दिया रखकर,
नर्मदा में बहा दिया है फिर से।
वो बहता दिया तुम हो,
मैं अब किनारे बैठा हुआ हूँ।
एक पत्ता और आ रहा है,
उसमे भी एक फूल है।

-


21 APR 2021 AT 9:50

त्याग दी हर कामना , निष्काम बनने के लिए ,
तीन पहरो तक तपा दिन , शाम बनने के लिए ,
घर , नगर ,परिवार , ममता , प्रेम , अपनापन दुलार ,
राम ने खोया बहुत कुछ , श्री राम बनने के लिए।

-


30 OCT 2020 AT 20:53

Maturity is realising, Chatur was not that wrong and Rancho was not that right.

-


10 AUG 2020 AT 16:22

I told my therapist, after two weeks of anxiety reduction, that maybe I'm someone who will never be "happy". And then she told me that happy people aren't continuously happy. Happy people just experience less anxious and depressing days, and that definition helped me to reach the stage called "Being Happy".
#BestThingATharapistSaidToMe

-


13 JUN 2020 AT 8:20

हर युद्ध जीतने के लिए नही लड़ा जाता,
कुछ युद्ध केवल दुनिया को यह बताने के लिए लड़े जाते हैं क्योंकि दुनिया को दिखा सकें कि कोई युद्ध के मैदान में खड़ा था।
- रवीश कुमार

-


1 MAY 2020 AT 19:50

आज तक मजदूर दिवस के दिन सभी छुट्टी पर रहे, मजदूरों के अलावा। आज मजदूर भी छुट्टी पर हैं।
खैर, न ये दिन उनका तब था, न ये दिन उनका आज है।
#Mayday

-


6 APR 2020 AT 9:52

इतिहास याद रखेगा,
कि जब पूरा विश्व वेन्टीलेटर, और अधिक टेस्ट, अस्पतालों, PPE, आर्थिक पैकेज, मजदूरों और किसानों के लिए मदद की मांग कर रहा था,

तब हम bigboss के टास्क पूरे कर रहे थे। ताकि सवाल न पूछे जाएं।

खैर एंटरटेनमेंट हो जाता है इसी बहाने, अच्छा था।

-


3 APR 2020 AT 9:23


नाम पूछूँगा!!!

ऑफिस के बाहर एक चाय वाला है, उसके बगल में एक और काका की दुकान है,
जिनकी टापरी से चाय के साथ सिगरेट ली जाती है,
न जाने किस हाल में होंगे, दोनों से उनका नाम पूछूँगा।
सुबह अखबार वाला भी नही आता, कोई पंद्रह-सोलह साल का लड़का होगा,
न जाने उसका मालिक पैसे दे रहा होगा या नही।
उससे भी उसका नाम पूछूँगा।
घर के पास ही एक इस्त्री वाले भैया हैं, बस इतनी ही पहचान है,
भगवान करे राशन हो उनके पास, नाम तो इनसे भी पूछूँगा।
एक लड़की है,
मोहल्ले में छोटे-छोटे पिल्ले बहुत बढ़ गए हैं,
वो लड़की उनको कभी बिस्किट, कभी रोटी, कभी ब्रेड, कभी चावल खिलाती रहती थी,
इंस्टाग्राम के झूठे डॉग लवर्स जैसी नही थी वो,
उससे तो लगभग प्यार हो ही गया था।
मुझे नही पता खूबसूरत थी या नही, लेकिन उसमें खूबसूरती थी।
डरता हूँ, पर अब उससे भी नाम पूछूँगा।
सोचता हूँ, कितने लोग हैं, जिनका नाम नही जानता में,
अब जब सब बन्द है, तो थोड़ी याद तो इनकी भी आती है,
अब में हर किसी से नाम पूछूँगा।

-


31 MAR 2020 AT 16:53

जब ये सब खत्म होगा,
क्रिकेट मैच होंगे, रेस्टॉरेन्ट्स में लंबी लाइनें होंगी,
बच्चे दोबारा स्कूल जाकर खुश होंगे,
हम सभी अपने-अपने कामों से प्यार करेंगे,
रास्ते भरे हुए होंगे, हम सभी एक दूसरे से मिलेंगे।
और हां, हाथ भी मिलाएंगे।
सब्र करते हैं, सब अच्छा होगा।

-


28 MAR 2020 AT 9:25

कोई मुझे समझाओ,
1) बेहतर जिंदगी के लिए देश छोड़कर विदेश जाने वालों को सरकारी खर्चे में घर वापस लाया जा रहा है, जहाजों से।
2) दिहाड़ी मजदूर जो इस देश के विनिर्माण, निर्माण, उत्पादन में अपना सहयोग दे रहे हैं, पैदल घर जा रहे हैं, भूखे हैं। उनकी पिटाई हो रही है।

-


Fetching Akash Patel Quotes