अल्हड़ 🇮🇳   (Akash©)
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अन्त:अस्ति प्रारंभ।
शिव सदा सहायते ❣️
Joined 23 May 2018


अन्त:अस्ति प्रारंभ।
शिव सदा सहायते ❣️
Joined 23 May 2018

आदमी लड़ता है
झगड़ता है
बेईमानी करता हैं
शिकायत करता है
ईर्ष्या करता है
झूठ बोलता है
और फिर

अगले दिन मर जाता है।

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जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला
हमने तो जब कलियाँ माँगी काँटों का हार मिला

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टूटा हुआ कांच और टूटे हुए लोग
बहुत खतरनाक हो जाते है।

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Hmmm It's fine

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Khushi ke pal

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दोस्ती, यारी, रिस्तेदारी
इश्क, मोहब्बत और दुनियादारी

मिलों दूर हो चुका ये बीमारी

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मेरे अंदर एक गांव है
जो शहर नहीं होना चाहता है

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Tu hai kahaa ?
Khwaaon ke iss shahar me
Mera Dil tujhe dundhta ....dhundhta

Arsaa huaa
Tujhko dekha nahi
Tu n jaane kahaa chup gya

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//राष्ट्रवाद//

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होना चाहिए
एक संविधान
इश्क का

जिसमे होना चाहिए
उल्लेख प्रेमियों के
कर्तव्यों का, अधिकारों का
और सजाओं का।

जिसमें होना चाहिए
चर्चा, प्रेमियों को वियोग से
बचाने के लिए आपातकाल का


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