12 JUL 2017 AT 19:59

पक्का नहीं है पर मुझे लगता है के मैं रेप रोक देती हूं।
मैं रोज़ रात खुदको बेच देती हूँ!
मैं रोज़ रात एक नया वहशी देखती हूँ,मैं उस भेड़िये को अपना जिस्म सौंप देती हूँ!
ऐसा नही के सब ही खरीदार एक जैसे होते हैं,कुछ सर्फ बातें करने आते हैं,कुछ अलग ढंग से रातें रंगीन करने,लेकिन दर्द मुझे जब होता है,जब मेरे लाल निशान नीले पड़ने लगते हैं,जब ज़ख्म भी मेरे भरने लगते हैं और फिर tv में एक खबर आ जाती है
एक लड़की की इज़्ज़त सारी रात एक चलती कार में नीलाम हो जाती है
फिर मुझे शर्म आती है,फिर खरीदार आ जाता है
मुझे नोच कर वो खाता सा जाता है
कम से कम यह कहर उसका सिर्फ मैं सहन करती हूँ
शायद मैं एक सम्मान की रक्षा करती हूँ
जी हाँ "मैं धंधा करती हूं"!
#theprostituteimettoday

- Aksroohi_writeups