akanksha   (आकांक्षा 'अKश')
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Joined 19 January 2018


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23 AUG 2022 AT 23:18

प्रेम
एक भाव है भाव
कोई भव नहीं,,,
अनंत से शून्य हो जाने का
इसमें कोई भय नहीं,,,

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16 APR 2022 AT 22:22

हर रोज सोचते हैं,
तुमसे कितनी मोहब्बत है
ये तुमसे कैसे जताएं
तुम हर क्षण स्मृतियों में बहते हो
जैसे नसों में बहती हों रक्तधाराएं
धीरे धीरे तुम कब
बन गए जीने की वजह
ये भी कोई बात हुई भला
जो हम तुम्हें बताएं
हर बार सोचते हैं
तुमसे मोहब्बत शब्दों में जताएं
निःशब्द हो जाती है कलम
जैसे तुम हो किसी वेद की ऋचाएं
स्तब्ध हो जाते हैं तुम्हारे समक्ष, बस
अंदर चहकती हैं भावनाएं,
ये भी कोई बात हुई भला
जो हम तुमसे बताएं।

हर रोज सोचते हैं,
तुमसे कितनी मोहब्बत है
ये तुमसे कैसे जताएं।

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23 MAR 2022 AT 21:08

अधूरी ग़ज़ल,अधूरा इश्क़
दोनो एक जैसे है
नींदे उड़ा देती है

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23 MAR 2022 AT 20:47

उनके जिम्मे भी घर के कई काम थे
मगर उनका घर तो ये वतन था,,,

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8 MAR 2022 AT 11:13

तरूणी बैठी तरणी में,
देख रही उस तरणि को
और,,
सोच रही
कि
क्या वो भी हो पाएगी ऐसी
कि उसे कोई भी प्रत्यक्ष न देख सके
और बिना स्नेह के
कोई छू न सके,,,,

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2 MAR 2022 AT 15:32

युद्ध का चेहरा जब जब सामने आया है,
तब तब दुनिया को बुद्ध की याद दिलाया है,
युद्ध में
एक की जीत
और दूसरे की हार होती है
लेकिन,,,
कहीं कोई परिवार में
किसी प्रिय की सदैव कमी होती है
युद्ध एक नकारात्मक शब्द है
जिससे केवल विनाश हुआ है
इतिहास गवाह है,,, कि
इससे धन जन का ह्रास हुआ है
शायद इन्होंने नहीं पढ़ी कोई कविता
क्योंकि
मानव के लिए जरूरी होती है कविता
कविता के लिए कवि
कवि के लिए कलम
किंतु
कलम,कविता,कवि
इन सबसे भी अधिक जरूरी होता है प्रेम,,,

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20 FEB 2022 AT 14:55

शायरी दुल्हन है और संगीत श्रृंगार है
मन में उठती हिलोरें बार बार है
संगीत न हो तो रस की कमी लगती है
शायरी न हो तो दुनिया थमी लगती है
दोनो का संगम है अद्वितीय अप्रतिम
जब भी सुनो, बन जाता है पूरा दिन— % &

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19 FEB 2022 AT 15:27

प्राथमिक शिक्षा हेतु सब प्राथमिक है
सिवाय शिक्षा के,,,,— % &

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1 JAN 2022 AT 0:36

बहुत हो चुकी गमगीनी
कुछ खुशियां लेकर आए
हम कहलाए अक्श कभी
ऐसा एक नया साल आए

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31 DEC 2021 AT 11:11

पुराना साल जब जाता है
दिसंबर तुम्हे औकात दिखाता है
ये नया साल हर साल आता है
और माघ तुम्हे नया बनाता है
हर पुराना साल नया बन जाता है
नया साल भ्रम है बदलाव का
होता कुछ नहीं, बस कैलेंडर बदल जाता है।

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