Kaash Ke Zindagi Yahi Khatam Aur Shuru Ho,Kuch Pal Ki Hi Sahi MagarYeh Kudrat Wali Sukoon Ho. -
Kaash Ke Zindagi Yahi Khatam Aur Shuru Ho,Kuch Pal Ki Hi Sahi MagarYeh Kudrat Wali Sukoon Ho.
-
भूल गए सब तुम, कुछ हमे याद रहा। कल जन्मदिन था मेरा,कमब्ख्त वो भी बर्बाद रहा। -
भूल गए सब तुम, कुछ हमे याद रहा। कल जन्मदिन था मेरा,कमब्ख्त वो भी बर्बाद रहा।
ज़मीन को आसमान चाहिये थामेरे ख़्वाबों को एक मुक्कमल आशियाँ चाहिये थाक़बूल हो गई सबकी दुआएँ महज़ मेरे हिस्से ख़ुशी न आईमैंने तो सिर्फ़ तुझे ही मांग थामुझे कौन-सा पुरा जहाँ चाहिये था। -
ज़मीन को आसमान चाहिये थामेरे ख़्वाबों को एक मुक्कमल आशियाँ चाहिये थाक़बूल हो गई सबकी दुआएँ महज़ मेरे हिस्से ख़ुशी न आईमैंने तो सिर्फ़ तुझे ही मांग थामुझे कौन-सा पुरा जहाँ चाहिये था।
मेरे अल्फ़ाजों से दिल दुखा आपका, माफी चाहता हूँ, आप क्यों जाएंगी कही, हम ही चले जाते है वो भी अभी। -
मेरे अल्फ़ाजों से दिल दुखा आपका, माफी चाहता हूँ, आप क्यों जाएंगी कही, हम ही चले जाते है वो भी अभी।
हो बेगैरत तुम खुद से वास्ता नहीं तुम्हारा, हमसे मोहब्बत का दावा करती हो।😡 -
हो बेगैरत तुम खुद से वास्ता नहीं तुम्हारा, हमसे मोहब्बत का दावा करती हो।😡
ये नींद हमसे क्यों ख़फ़ा हो गई, सुकून भरी थी रातें मेरी फिर क्यों ये रातें हमसे जुदा हो गई। -
ये नींद हमसे क्यों ख़फ़ा हो गई, सुकून भरी थी रातें मेरी फिर क्यों ये रातें हमसे जुदा हो गई।
है आज अंजान हम तेरे लिए, कभी थे परेशान तुम मेरे लिए। -
है आज अंजान हम तेरे लिए, कभी थे परेशान तुम मेरे लिए।
सुकून देता एक नज़ारा बन गया, एक शहर कमब्ख्त आवारा बन गया। जहाँ तक उठी लहरें, वहाँ तक ख़ामोशियों का किनारा बन गया।एक शहर कमब्ख्त आवारा बन गया। -
सुकून देता एक नज़ारा बन गया, एक शहर कमब्ख्त आवारा बन गया। जहाँ तक उठी लहरें, वहाँ तक ख़ामोशियों का किनारा बन गया।एक शहर कमब्ख्त आवारा बन गया।
है कोई और तुम्हारी राह तकता, मगर तुम तो मशरूफ हो माज़ी में कही। -
है कोई और तुम्हारी राह तकता, मगर तुम तो मशरूफ हो माज़ी में कही।
एक तेरी ख़ातिर हमने, अपनी की ख्वाइशों का गला घोंटा। एक तू सितमगर है जो,हम से मिलना भी नहीं चाहता। -
एक तेरी ख़ातिर हमने, अपनी की ख्वाइशों का गला घोंटा। एक तू सितमगर है जो,हम से मिलना भी नहीं चाहता।