insta- writer_ajit1   (©Ajit Singh Sisodia)
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Joined 10 March 2018


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17 SEP 2020 AT 14:58

याद रख,
अपनी काबिलयत पर इतना गुरूर ना कर,
बिना जाने तूफ़ानों को, मोड़ने की बात ना कर,
वक़्त के साथ सब बदल जाता है अजित,
पहिले की कामयाबियों पर इतना गुमां ना कर।
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14 SEP 2020 AT 23:37

तेरे कोमल हाथ,
और रसीले होंठ।
जन्नत की सैर करा दे,
जब ये छुए लॉलीपॉप।
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14 SEP 2020 AT 16:50

हिन्दी के लिए,
हिन्दी के ही देश में,
हिन्दी दिवस के रूप में,
हिन्दी की ही,
बरसी मनाई जाती हैं।
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10 SEP 2020 AT 17:03

कहानी मुख्तसर थी हमारे इश्क़ की,
गलतफहमी यह दुनियां से मिटा ना सके।
छोड़ महबूब हमें क्या चला गया,
इश्क़ पर भरोसा दुनियां को दिला ना सके।
यह दुनियां क्या जाने इश्क़ हमारा,
वो साथ ना रहा मेरे तो हम जता ना सके।
इक बार जो हुए थे हम उनके,
फिर ताउम्र हम किसी और के हो ना सके।

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5 SEP 2020 AT 12:30

आ तुझे सीने से लगाकर,
थोड़ा इश्क़ कर लूं।
बाहों में आज तुझे लेकर,
आगोश में भर लूं।

होठों से तेरे होंठ लगाकर,
लिपस्टिक चुरा लूं।
हौले से बदन को छूकर,
तेरी रूह चुरा लूं।
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4 SEP 2020 AT 23:21

अक्सर साथ बैठ बतियाते हैं।
कुछ कहे और अनकहे अफसाने।
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3 SEP 2020 AT 23:19

ये दीवारे, खिड़कियाँ और दरवाजे
सब सुने हो गये,
सब गुमसुम है,
लगता है तेरा इंतज़ार बाकि है।
पूछते है क्यों तुम चले गये ?
तेरे हिस्से का वक़्त अभी बाकि है।

तेरी हसीं गुंजती है,
अब भी यहाँ।
मुस्कुराती तस्वीर भी,
तेरी बाकि है।
तुम तो चले गये,
पर तेरी याद अब भी बाकि है।

दिन सुने हो गये,
रात भी अकेली है।
करवटे बदलते है,
तेरी जगह अब भी खाली है।
तुम तो चले गये,
बिस्तर मे तेरी खुशबू बाकि है।

इंतज़ार बहुत किया मैंने,
और करता रहूँगा उम्र भर।
तू आएगी ना शायद,
पर अब भी तेरी याद बाकि है।
तुम तो चले गये,
तुम्हारा मुझमे कुछ हिस्सा बाकि है।

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2 SEP 2020 AT 23:53

हम दूनिया को बेहतर तभी दे सकते है जब वो पहिले हमारे खुद के भीतर हो।
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1 SEP 2020 AT 22:07

अधूरे चांद सी मेरी कहानी
बिन तेरे क्या मेरी जिंदगानी
बिन तेरे कैसे जी पाऊंगा
तू ना मिली तो मर जाऊंगा।
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31 AUG 2020 AT 15:56

चाय जैसी थी वो,
मीठी और कड़क।
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