तुम्हारी जुल्फों में बैठे बादलों के बच्चों का , ज़रा सा शोर हो जाए झटक दो इक बार इन्हें खोल कर , शहर भीगे , सराबोर हो जाए - 💟अनाम आदमी💟
तुम्हारी जुल्फों में बैठे बादलों के बच्चों का , ज़रा सा शोर हो जाए झटक दो इक बार इन्हें खोल कर , शहर भीगे , सराबोर हो जाए
- 💟अनाम आदमी💟