बेबस हैं वो जिन्हें कलम नहीं मिलती।पर बेबस तो वो दस्तखत करने वाले भी हैं,जो कभी सियासत के बोझ तले दब जाते हैं, तो कभी नोटों के लालच में बिक जाते हैं। - Swarup
बेबस हैं वो जिन्हें कलम नहीं मिलती।पर बेबस तो वो दस्तखत करने वाले भी हैं,जो कभी सियासत के बोझ तले दब जाते हैं, तो कभी नोटों के लालच में बिक जाते हैं।
- Swarup