मैं कहूं तुझसे, इश्क है
तू झटक जुल्फ, उलझन बढ़ा
बड़ी दिलकश ये अदा तो है
मैं मासूम, मुझे मतलब बता
रोके मुझे मेरी हदें जो है
तू झुका पलकें, पास बुला
मैं जो आ बैठूं पहलू में
तू अपना घर का नाम बता
मैं नींद का हूं रातों में
ख्वाबों का गलत शौंक मुझे
एक शोर से मुझे जगाकर
मेरी नींद पे अपना हक जमा
मैं सोच सोचकर परेशान रहूं
हम किन बहानों से मिल सकते हैं
अपने आंचल से साफ कर चश्मा
चुपके से तू मेरी ओर दे बढ़ा
तू छू मुझे, मेरा हाथ पकड़
तेरे होने का एहसास दिला
मेरा नाम तो ले, आंख मिला
एक कदम बढ़ा कर नब्ज़ बढ़ा
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